पूर्व मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद को यौन शोषण मामले में कोर्ट ने किया दोषमुक्त


शाहजहांपुर, 1 फरवरी (आईएएनएस)। एमपी एमएलए कोर्ट ने एक शिष्या का यौन शोषण करने के मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद सरस्वती को गुरुवार को दोषमुक्त कर दिया। चिन्मयानंद के वकील फिरोज हसन खान ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट ने कोई सबूत न होने कारण उन्हें बरी कर दिया है।

उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से चिकित्सक व पीड़िता के अलावा रिपोर्ट दर्ज कराने वाले लेखक खुर्शीद, रेडियोलाजिस्ट एम.पी. गंगवार और बी.पी. गौतम ने गवाही दी है। वकील खान ने बताया कि अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद को इस मामले में दोषी न पाते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है।

यौन शोषण मामले में स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 19 दिसंबर, 2022 को अग्रिम जमानत मिल गई थी। तबसे यह मामला अदालत में विचाराधीन था।

ज्ञात हो कि साल 2011 में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुराचार करने का आरोप लगाया था। शिष्या ने इस संबंध में चौक कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब से यह मामला शाहजहांपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है। इसके बाद कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को पेशी के लिए कई समन भेजे। लेकिन कोर्ट के समक्ष पेश न होने पर उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया गया था।

–आईएएनएस

विकेटी/एसजीके


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