गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण जून तक होगा पूरा


गोरखपुर, 13 जून (आईएएनएस)। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आवागमन की पूर्ण सुविधा जून के अंत तक शुरू करने की तैयारी है। जून के पहले सप्ताह तक एक्सप्रेसवे का 97 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से गोरखपुर क्षेत्र, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा एवं दिल्ली तक त्वरित एवं सुगम यातायात कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।

यूपी एक्‍सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर 10 जून तक अद्यतन जानकारी के अनुसार गोरखपुर लिंक एक्‍सप्रेसवे का 97 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मेन कैरिजवे में क्लियरिंग एंड ग्रबिंग का काम 100 फीसद, मिट्टी का काम 100 फीसद पूरा कराया गया है। एक्‍सप्रेसवे पर कुल प्रस्‍तावित 341 संरचनाओं में से 337 बन चुके हैं। अन्य के निर्माण का कार्य तेजी से कराया जा रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाइपास एनएच-27 ग्राम जैतपुर के पास से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आजमगढ़ जनपद के सालारपुर में समाप्त होगा। 91.352 किमी लंबे एक्सप्रेसवे की कुल लागत 5,876.67 करोड़ रुपये (भूमि अधिग्रहण पर व्यय समेत) है।

इससे गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे तीव्र संपर्क तथा बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। साथ ही साथ संबंधित क्षेत्र के जनमानस को भी एक-दूसरे के निकट लाने में मदद करेगा।

गोरखपुर के कमिश्नर अनिल ढींगरा ने बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए इस माह के अंत तक लिंक एक्सप्रेसवे का काम पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल के एक बड़े क्षेत्र के लोगों को लखनऊ पहुंचने में महज 3.30 घंटे का समय लगेगा। लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। इस एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।

एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम


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