'स्मृति ईरानी को लेकर जुनूनी होना बंद करे कांग्रेस', यूएसएड मामले पर भाजपा का पलटवार
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नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)। विदेशों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने के आरोपों का सामना कर रहे अमेरिकी संगठन यूएसएड के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के कथित संबंधों को लेकर मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस में वाक् युद्ध छिड़ गया।
कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने देश में ‘यूएसएड परियोजनाओं’ को बढ़ावा देने के लिए भाजपा नेता की आलोचना की और सत्तारूढ़ पार्टी पर “जॉर्ज सोरोस के असली एजेंट” होने का आरोप लगाया।
खड़गे ने कहा कि भाजपा की स्मृति ईरानी ने भारत में यूएसएड सद्भावना राजदूत के रूप में काम किया है। उन्होंने कुछ आधिकारिक दस्तावेज साझा करते हुए सत्तारूढ़ दल पर दोहरा मानक अपनाने और राजनीतिक लाभ के लिए अमेरिकी अरबपति को बदनाम करने का आरोप लगाया।
इस पर भाजपा की ओर से त्वरित और तीखी प्रतिक्रिया आई। भाजपा के आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि यूएसएड कार्यक्रम को 2002 से 2005 तक आश्चर्यजनक सफलता मिली और आईआईएम-इंदौर की एक रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख किया गया था। लेकिन “बिना किसी उपलब्धि वाले लोगों” द्वारा संचालित कांग्रेस पार्टी इसका इस्तेमाल “नीचा दिखाने और बदनाम करने” के लिए कर रही है।
अमित मालवीय ने बताया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय, स्मृति ईरानी को टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ की अपार लोकप्रियता के आधार पर 2002 से 2005 तक डब्ल्यूएचओ ने ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ओआरएस) गुडविल ब्रांड एंबेसडर के रूप में चुना था।
मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “स्मृति ईरानी के डब्ल्यूएचओ अभियान को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने भी समर्थन दिया था और उसकी बसों पर प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने की अनुमति दी थी।”
उन्होंने कहा कि पुरानी पार्टी को स्मृति ईरानी के बारे में ‘जुनूनी’ होना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा, “ऐसा तब होता है जब कोई उपलब्धि न रखने वाले लोग महत्वहीन संगठनों में खुद को कथित प्रासंगिकता के पदों पर पाते हैं।”
उन्होंने पुरानी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “यह तथ्य कि उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव में हराया, उनकी यादों में एक स्थायी दुःस्वप्न बना रहेगा।”
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सरकार द्वारा वित्तपोषित सबसे बड़ी एजेंसियों में से एक, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) पहले से ही विदेशों में हस्तक्षेप को लेकर जांच के घेरे में है और ट्रम्प प्रशासन द्वारा इसकी निंदा की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसकी सभी विदेशी सहायता पर पूरी तरह रोक लगाने का भी आदेश दिया है।
रिपोर्ट बताती हैं कि यूएसएड ने जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्तपोषित संगठनों को 27 करोड़ डॉलर से अधिक दिए हैं। उनके ओपन सोसायटी फाउंडेशन पर यूएसएड फंड का उपयोग दूसरे देशों के राजनीतिक परिदृश्य में हस्तक्षेप करने और चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की हद तक जाने का आरोप लगाया गया है।
–आईएएनएस
एकेजे/