कांग्रेस पार्टी के पास मुद्दों का अकाल पड़ गया है : रोहन गुप्ता


पटना, 12 सितंबर (आईएएनएस)। पीएम मोदी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक एआई वीडियो पोस्ट करने के मामले में भाजपा नेता रोहन गुप्ता ने जोरदार पलटवार करते हुए कांग्रेस पार्टी को मुद्दाविहीन पार्टी करार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास मुद्दों का अकाल पड़ा है। इसलिए वे मुद्दों पर बात करने से बच रही है।

राजधानी पटना में आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दरभंगा में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मंच से पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की और अब कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से एआई वीडियो बनाकर मजाक उड़ाया गया है।

उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि यह मजाक का विषय नहीं है। पूरा देश और बिहार की जनता यह देख रही है; इसका जवाब विधानसभा चुनाव में दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले तो आप अपने मंच से अपमानजनक टिप्पणियां करवाते हैं और अब एआई वीडियो प्रसारित करते हैं। यह संयोग नहीं, बल्कि कांग्रेस की सोची-समझी साजिश है। बिहार की जनता इस ओछी मानसिकता को कभी माफ नहीं करेगी।

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के पास मुद्दों का अभाव है, इसलिए आप बार-बार प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत हमले कर अपनी असफल राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। बिहार की जनता इसका जवाब अवश्य देगी।

तमिलनाडु में एसआईआर के मुद्दे पर मंत्री दुरई मुरुगन के बयान पर भाजपा नेता ने कहा कि बार-बार बिहार का अपमान किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ऐसे नेताओं को बिहार लाती है जो बार-बार बिहार के लोगों का अपमान करते हैं। जहां तक बात एसआईआर की है तो बिहार ने पूरे देश को संदेश दिया है कि यह कितना जरूरी है। बिहार में एसआईआर को लेकर विपक्ष आरोप लगा रहा था, लेकिन विपक्षी पार्टियों ने एक भी शिकायत दर्ज नहीं कराई। इतने अच्छे तरीके से बिहार की जनता ने एसआईआर का साथ दिया और अपने अधिकारों की रक्षा की। फिर भी वे लोग बिहार की जनता का अपमान कर रहे हैं और कांग्रेस के साथी मुंह में दही जमा कर बैठे हैं। एसआईआर भारत में होना चाहिए।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होने पर भाजपा नेता ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं पर हमला करना कांग्रेस पार्टी की नई नीति बन गई है। राहुल गांधी एक संवैधानिक पद पर हैं। वे सरकार का विरोध कर सकते हैं, कई मुद्दों पर असहमति जता सकते हैं, लेकिन संवैधानिक पदों का सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है। उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हुआ, जिसमें एनडीए और इंडी गठबंधन के उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। फिर भी राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं दिखाते। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होकर वे क्या संदेश देना चाहते हैं?

उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव नहीं हुआ था, तब तक कांग्रेस अंतरात्मा की बात कर रही थी। अब जब उनकी अंतरात्मा की सच्चाई सामने आ गई, तो वे वोट चोरी के मुद्दे पर आ गए। देश की जनता और सांसद यह सब जानते हैं। अगर इनके उम्मीदवार लालू प्रसाद यादव से मिलते हैं, तो सांसद निश्चित रूप से अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनेंगे।

–आईएएनएस

डीकेएम/एएस


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