विकास विरोधी है कांग्रेस परिवार : सीएम मोहन यादव

विकास विरोधी है कांग्रेस परिवार : सीएम मोहन यादव

भोपाल, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के सबसे सूखा प्रभावित इलाकों में शुमार बुंदेलखंड को मिली केन बेतवा लिंक परियोजना की सौगात पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं, जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जवाब दिया है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पेट में दर्द है क्योंकि कांग्रेस परिवार विकास विरोधी है। जो बात जयराम रमेश ने कही उसके पीछे भाव राहुल गांधी के हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 25 दिसंबर को बुंदेलखंड के खजुराहों में केन बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी थी। इससे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में सिंचाई का रकबा बढ़ेगा साथ ही पीने का पानी भी मिलेगा।

इस परियोजना को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए, जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा, “जहां विकास का काम हुआ , गरीबों के हित में काम हुआ, हमारे संकल्पों की पूर्ति का काम हुआ वहां कांग्रेस के पेट में दर्द होना शुरु होता है। इनकी लाइन ही विकास विरोधी है। रमेश ने जो बात कही है उसके पीछे भाव राहुल गांधी और कांग्रेस परिवार के हैं। किसी कांग्रेस नेता ने प्रशंसा की है कि बुंदेलखंड में पानी आना चाहिए। कांग्रेस बताए कि वह बुंदेलखंड के विकास के पक्ष में है या विरोध में।”

कांग्रेस नेता रमेश ने इस परियोजना को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि पर्यावरण और वन को लेकर अपनी कथनी और करनी में अंतर का प्रधानमंत्री मोदी आज एक और सबूत दे रहे हैं। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए गंभीर खतरा है।

उन्होंने कहा था पन्ना की कहानी अपने आप में अद्भुत है। 2009 की शुरुआत तक वहां बाघों की आबादी पूरी तरह से खत्म हो गई थी, लेकिन उसी वर्ष शुरू किए गए सबसे सफल बाघ पुनरुद्धार कार्यक्रम के बदौलत, 15 साल बाद, वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व में छोटे-बड़े मिलाकर 90 से अधिक बाघ हैं। ये पर्यटकों के लिए आकर्षण के मुख्य केंद्र बने हुए हैं।

उन्होने आगे कहा था, “केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से उस टाइगर रिजर्व के 10 प्रतिशत से अधिक मुख्य क्षेत्र जलमग्न हो जाएगा। न सिर्फ बाघों के आवास बल्कि गिद्धों जैसी अन्य प्रजातियां भी नष्ट हो जाएंगी। पारिस्थितिकी तंत्र दो भागों में बंट जाएगा। 23 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने हैं। कंस्ट्रक्शन गतिविधियों के कारण गंभीर रूप से व्यवधान उत्पन्न होगा। तीन सीमेंट कारखानों की योजना बनाई जा रही है, जिनमें से एक पार्क के आसपास पहले ही चालू हो चुका है।”

–आईएएनएस

एसएनपी/पीएसके/जीकेटी

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