कांग्रेस ने उत्तराखंड में 27 नए जिला अध्यक्ष नियुक्त किए


नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए उत्तराखंड में तत्काल प्रभाव से 27 नए जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों की नियुक्ति की है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अनुमोदन और महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से मंगलवार को घोषित इस निर्णय के बाद उत्तराखंड पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव किया है।

कांग्रेस ने इस क्रम में भूपेंद्र सिंह भोज को अल्मोड़ा और अर्जुन चंद्र भट्ट को बागेश्वर की जिम्मेदारी सौंपी है। सुरेश डिमरी को चमोली और चिराग सिंह फर्त्याल को चंपावत का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। देहरादून शहर में डॉ. जसविंदर सिंह गोगी समिति का नेतृत्व करेंगे, जबकि गोविंद सिंह बिष्ट को हल्द्वानी शहर का प्रभार सौंपा गया है।

शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिलेंगे, जहां अलका पाल को काशीपुर शहर और ममता रानी को रुद्रपुर शहर का प्रभार सौंपा गया है। उत्तम असवाल देवप्रयाग और मनोहर सिंह टोलिया डीडीहाट का नेतृत्व करेंगे। हरिद्वार जिले की जिम्मेदारी बालेश्वर सिंह को सौंपी गई है, जबकि अमन गर्ग को नगर इकाई की जिम्मेदारी दी गई है। विकास नेगी और मीना देवी को क्रमशः कोटद्वार और कोटद्वार नगर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

राहुल छिम्वाल नैनीताल, संजय किशोर पछवादून और मोहित उनियाल परवादून की जिम्मेदारी संभालेंगे। विनोद सिंह नेगी पौड़ी गढ़वाल, मुकेश पंत पिथौरागढ़ और दिनेश चौहान पुरोला की जिम्मेदारी संभालेंगे। दीपक किरोला रानीखेत, फुरकान अहमद रुड़की और राजेंद्र कुमार चौधरी रुड़की शहर की जिम्मेदारी संभालेंगे। कुलदीप कंडारी रुद्रप्रयाग, मुरारी लाल खंडवाल टिहरी गढ़वाल, हिमांशु गाबा उधमसिंह नगर और प्रदीप सिंह रावत उत्तरकाशी की जिम्मेदारी संभालेंगे।

यह पुनर्गठन ऐसे समय में हो रहा है जब कांग्रेस उत्तराखंड में अपने संगठनात्मक ढांचे का पुनर्निर्माण करना चाहती है, जहां उसे हाल के वर्षों में चुनावी झटकों का सामना करना पड़ा है।

एआईसीसी ने नवनियुक्त अध्यक्षों को सदस्यता अभियान शुरू करते हुए तुरंत ब्लॉक और मंडल समितियों का गठन करने का निर्देश दिया है। जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। यह संगठनात्मक बदलाव कांग्रेस आलाकमान की पहाड़ी राज्यों में अस्थायी हस्तक्षेप के बजाय संरचनात्मक पुनरुद्धार के माध्यम से खोई हुई ज़मीन वापस पाने की मंशा का संकेत देता है।

–आईएएनएस

एमएस/डीकेपी


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