तेलंगाना में रमजान पर जल्दी छुट्टी के फैसले का कांग्रेस और 'एआईएमआईएम' ने किया स्वागत


नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। तेलंगाना सरकार के रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों को एक घंटा पहले काम से छुट्टी देने के फैसले पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा ने इसे तुष्टिकरण की नई चाल बताया, जबकि अन्य कई पार्टियों ने इस कदम का स्वागत किया और मांग की कि पूरे देश में इसी तरह के उपाय लागू किए जाएं।

महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक अमीन पटेल ने भी तेलंगाना सरकार के इस कदम का स्वागत किया और अपील की कि इस तरह की व्यवस्था पूरे देश में सभी धर्मों के लिए लागू की जानी चाहिए। रमजान मुस्लिम समुदाय के लिए एक पवित्र महीना है। उन्होंने कहा कि यह पहल महत्वपूर्ण है और इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।

एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने भी इस फैसले का बचाव करते हुए भाजपा के विरोध की आलोचना की। उन्होंने कहा, “मुसलमानों के लिए अपना उपवास तोड़ने के लिए सिर्फ एक घंटा है और भाजपा इस पर हंगामा कर रही है। उन्हें सिर्फ एक घंटा देने में क्या समस्या है? यह नफरत और असहिष्णुता का एक उदाहरण है।”

जहां एक ओर कांग्रेस और एआईएमआईएम ने इस कदम की सराहना की है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार पर “तुष्टिकरण की राजनीति” करने का आरोप लगाते हुए इसकी आलोचना की है।

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस फैसले को ‘टोकनवाद’ करार देते हुए तर्क दिया कि नवरात्र या अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान हिंदुओं के लिए इस तरह के विचार कभी नहीं दिए गए।

बता दें कि काम के घंटों में छूट 2 मार्च से शुरू होगी और 31 मार्च तक चलेगी। एक महीने तक चलने वाले रमजान के दौरान, मुसलमान सुबह से शाम तक उपवास रखते हैं। धार्मिक प्रथा के तहत, वे दिन के समय खाने या पानी पीने से परहेज करते हैं। दिन के अंत में प्रार्थना और ‘इफ्तार’ नामक उत्सवी भोजन के साथ उपवास तोड़ा जाता है। इफ्तार के बाद परिवार और दोस्तों से मिलने की है।

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे


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