कर्नल मारपीट मामला : कोर्ट ने इंस्पेक्टर की जमानत याचिका की खारिज, कर्नल की पत्नी बोलीं- अब भी मिल रही हैं धमकियां


पटियाला, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। पंजाब के पटियाला में सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह और उनके बेटे के साथ 13 मार्च को पुलिस मारपीट मामले में पटियाला की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सेशन कोर्ट की जज सुरिंदरपाल कौर ने इस मामले के मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर रौनी सिंह की जमानत याचिका को खारिज कर दी, जिससे अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। इस फैसले को कर्नल पुष्पिंदर की पत्नी जसविंदर कौर बाठ ने न्यायपालिका की जीत बताया और कहा कि उन्हें शुरू से ही न्याय प्रणाली पर भरोसा था, जो आज के फैसले से और मजबूत हुआ है।

जसविंदर कौर ने अदालत के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस ने खुद कोर्ट में मारपीट की बात मानी, हालांकि उन्होंने इसे “हल्की मारपीट” बताया, लेकिन हल्की मारपीट को स्वीकार करना ही उनके अपराध को साबित करने के लिए काफी है। उन्होंने यह भी बताया कि घटना के बाद एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई और पुलिस ने जानबूझकर ढाबा मालिक से झूठे बयान दिलवाए। उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखकर सभी आरोपियों के पटियाला से बाहर तबादले की मांग की है, क्योंकि अब भी उन्हें धमकियां मिल रही हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें अपनी बेटी कहकर इंसाफ दिलाने का वादा किया था, लेकिन अब तक उनके ओएसडी तक ने संपर्क नहीं किया। जसविंदर ने भावुक होकर कहा कि यह सिर्फ उनके परिवार की लड़ाई नहीं है, बल्कि आम जनता के अधिकारों की भी लड़ाई है। उन्होंने मांग की कि मामले की जांच यूटी पुलिस या किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए, जिससे किसी भी प्रकार की मैनिपुलेशन की संभावना न हो।

वहीं, कर्नल परिवार के वकील हरिंदर पाल सिंह वर्मा ने बताया कि इंस्पेक्टर रौनी सिंह की बेल अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है। यह याचिका एंटीसिपेटरी बेल के लिए दायर की गई थी। एसआईटी द्वारा सौंपी गई फाइल अदालत में प्रस्तुत की गई थी और दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी इस मामले की जांच यूटी पुलिस को सौंपने के आदेश दिए हैं, जिससे साफ है कि पंजाब पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

बता दें कि 13 मार्च की रात पटियाला में पंजाब पुलिस के कुछ जवानों पर सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह और उनके बेटे अंगद सिंह के साथ शराब के नशे में बदसलूकी और मारपीट करने का आरोप है। घटना के बाद, पुलिस ने कर्नल का बयान दर्ज करने के बजाय एक ढाबे पर काम करने वाले व्यक्ति के बयान के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी


Show More
Back to top button