बिहार के रोहतास में कोल जाति की स्थिति दयनीय, पहाड़ों के बंद होने से पलायन का संकट
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रोहतास, 2 मार्च (आईएएनएस)। बिहार के रोहतास जिले में कोल जाति के लोगों की स्थिति अब बेहद दयनीय हो गई है। पहाड़ों के बंद होने से उनके रोजगार के अवसर समाप्त हो गए हैं, और इसने उनकी आजीविका को संकट में डाल दिया है।
कई साल से यह समुदाय पहाड़ों में रहकर पत्थर तोड़ने, लकड़ी और जड़ी-बूटियां इकट्ठा करने का काम करता आया है, लेकिन अब इन संसाधनों का खत्म होना उनके जीवन को कठिन बना रहा है। परिणामस्वरूप, कोल जाति के लोग धीरे-धीरे अपनी जमीन छोड़कर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
यह समुदाय आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है, और अब उनके सामने न केवल रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, बल्कि उनके पास भोजन, पानी और आवास जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के भी साधन नहीं हैं। सरकार से मदद की गुहार लगाने के बावजूद, उन्हें अब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है।
स्थानीय निवासी गायत्री देवी कहती हैं, “हम चाहते हैं कि सरकार यहां लघु उद्योग स्थापित करे ताकि हम लोग यहीं काम कर सकें। इससे न केवल हमें रोजगार मिलेगा, बल्कि हमें अपने बच्चों को बाहर भेजने की चिंता भी नहीं होगी।”
वहीं, नंदू कुमार का कहना है, “हमारा धंधा अब खत्म हो गया है। हम पहले पहाड़ों से पत्थर तोड़कर बच्चों का पालन-पोषण करते थे, लेकिन अब कुछ नहीं बचा। हम अब पलायन करने की सोच रहे हैं।”
बास देवी भी अपनी समस्याओं का जिक्र करते हुए कहती हैं, “पहले हम पत्थर तोड़ने का काम करते थे, लेकिन अब वह भी नहीं हो पा रहा है। अब हमें रोजगार के लिए मजदूरी करनी पड़ती है।”
सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी अब सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोल जाति के लोगों के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए, और उन्हें नए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।
–आईएएनएस
पीएसएम/एकेजे