'कोल इंडिया' ने बीएसई, एनएसई से जुर्माना माफ करने का किया अनुरोध


नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय खनन दिग्गज कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बीएसई और एनएसई से कंपनी पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने का अनुरोध किया है। सीआईएल पर यह जुर्माना लगाया जा रहा है क्योंकि कंपनी ने अपने बोर्ड में एक महिला सहित स्वतंत्र निदेशकों की अपेक्षित संख्या की नियुक्ति के लिए सेबी के मानदंड का पालन नहीं किया है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) प्रत्येक ने 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए सेबी (सूचीबद्धता दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएं) विनियम, 2015 (सेबी एलओडीआर) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने के लिए सीआईएल पर 9.7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

कोल इंडिया लिमिटेड की तरफ से इसको लेकर कहा गया कि सेबी विनियमों के संबंध में गैर-अनुपालन न तो कंपनी द्वारा किसी लापरवाही या चूक के कारण था और न ही सीआईएल के प्रबंधन के नियंत्रण में था।अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास भी किए गए थे।

सीआईएल ने कहा है कि यह कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक ‘सरकारी कंपनी’ है।

कोल इंडिया लिमिटेड के एसोसिएशन के लेखों के अनुसार, सभी बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति अध्यक्ष द्वारा की जाती है।

इसलिए बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति सीआईएल के प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। सीआईएल अपने बोर्ड में एक महिला स्वतंत्र निदेशक सहित अपेक्षित संख्या में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के लिए कोयला मंत्रालय के साथ नियमित रूप से मामले का फॉलो अप ले रहा है।

18 मार्च को एक विनियामक फाइलिंग में, कोल इंडिया ने खुलासा किया कि उसे 17 मार्च, 2025 को एनएसई और बीएसई से सेबी एलओडीआर के विनियम 17(1), 18(1), 19(1 और 2), और 21(2) के उल्लंघन का हवाला देते हुए नोटिस मिले थे।

परिणामस्वरूप, दोनों स्टॉक एक्सचेंजों ने कंपनी पर 9,69,960 रुपये का जुर्माना लगाया है।

सरकारी स्वामित्व वाली कोयला क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ने अपने बयान में कहा, “सीआईएल ने बीएसई और एनएसई से जुर्माना माफ करने का अनुरोध किया था। पूर्व में एक्सचेंजों ने जुर्माना माफ करने के अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार किया था।”

–आईएएनएस

एसकेटी/जीकेटी


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