मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक कर आगामी 19-21 फरवरी को प्रस्तावित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 की तैयारियों की समीक्षा की। विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विकास प्राधिकरणों के सीईओ के साथ हुई इस विशेष बैठक में मुख्यमंत्री जी ने विभागवार और जनपदवार निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए जीबीसी-4.0 के सफल आयोजन के लिए निम्न दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 10-12 फरवरी, 2023 को यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन हुआ। इस आयोजन में 10 कन्ट्री पार्टनर, 40 देशों के 1000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों, पार्टनर कंट्री के 04 मंत्रीगण, 17 केंद्रीय मंत्रीगणों, राजदूतों/उच्चायुक्तों और 25000 से अधिक डेलीगेट्स सहित राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों तथा अन्य गणमान्य महानुभावों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता कर उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया। यह आयोजन हमारी 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं, युवाओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होने वाला है।
16 देशों के 21 नगरों और देश के 10 शहरों में रोड शो सहित प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निवेशक सम्मेलन के उपरांत तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से ₹39.52 लाख करोड़ के औद्योगिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे 1.10 करोड़ नौकरी/रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अब उत्तर प्रदेश इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
आगामी 19-21 फरवरी तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में तीन दिवसीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन होने जा रहा है। पहले दिन 19 फरवरी को प्रधानमंत्री जी द्वारा एक साथ ₹10 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों के जमीनी क्रियान्वयन की शुरुआत होगी। इस अवसर पर उद्योग जगत के अनेक प्रतिष्ठित समूह, सीईओ, निवेशकों आदि की गरिमामयी उपस्थिति होगी। देश के ग्रोथ इंजन उत्तर प्रदेश का यह समारोह प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश के औद्योगिक विकास को गति देने का माध्यम होगा। ऐसे में समारोह की गरिमा और महत्ता के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबन्ध कर लिए जाएं।
वर्ष 2018 में इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के बाद जब पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित हुई थी, ₹60 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों का क्रियान्वयन प्रारंभ हुआ था। आज 06 वर्ष बाद जीबीसी@IV में एक साथ ₹10 लाख 11 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों के ग्राउंड ब्रेकिंग की तैयारी है। यह ट्रांसफॉर्मेशन, यह बदलाव, यही स्पीड नए उत्तर प्रदेश की पहचान है। जीबीसी@IV में ₹500 करोड़ से अधिक की 262 परियोजनाएं सम्मिलित हैं, जबकि ₹100-500 करोड़ तक 889 औद्योगिक परियोजनाएँ जमीन पर उतरेंगी। महत्वपूर्ण यह भी कि सभी 75 जनपद इससे लाभान्वित होंगे। 3500 से अधिक इन्वेस्टर्स इस कार्यक्रम में उपस्थित होंगे।
विशिष्ट समारोह में अनेक केंद्रीय मंत्रीगणों, विभिन्न राजदूतों, जनप्रतिनिधिगणों की सहभागिता भी होनी है। अति विशिष्ट जनों के सुरक्षा व सत्कार प्रोटोकाल का पूर्णतः अनुपालन किया जाना चाहिए। सीएम फेलो की काउंसिलिंग/ट्रेनिंग करके उन्हें इन अतिविशिष्ट जनों के साथ संबद्ध किया जाए। औद्योगिक जगत के शीर्षस्थ जनों, उद्यमियों, निवेशकों आदि गणमान्य जनों की आवासीय व्यवस्था, भोजन, आवागमन, पार्किंग आदि के समुचित प्रबंध किए जाएं।
जीबीसी के पूर्व युवाओं के बीच इस मुद्दे पर करें संवाद
उन्होंने निर्देश दिया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पूर्व सेवानिवृत्त आईएएस/आईपीएस/आईएफ़एस अधिकारियों, कुलपतिगणों के सहयोग से विभिन्न विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में युवाओं के साथ इन्वेस्टर्स समिट की उपयोगिता, महत्ता, प्रभाव के बारे में संवाद का अभिनव प्रयास किया गया था। इससे अच्छा संदेश गया। जागरूकता बढ़ी। जीआईएस से हमारे युवाओं का जुड़ाव बढ़ा। इस बार जीबीसी के पूर्व 16-17 फरवरी के बीच ऐसे प्रयास करने चाहिए।
जीबीसी@IV के दृष्टिगत पूरी राजधानी को सजाया जाए। स्वच्छता का परिवेश हो। स्पाइरल लाइट लगाएं। टैक्सी स्टैण्ड/होर्डिंग।आदि व्यवस्थित रखें। शहीद पथ पर सीसीटीवी फंक्शनल रहें। पूरे वीवीआईपी रूट का सीसीटीवी कवरेज हो। अराजक तत्वों पर कड़ी निगरानी की जाए। मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री के संबोधन का सभी जिलों में सीधा प्रसारण कराया जाये। इसके लिए स्क्रीन लगाई जाए। जिलाधिकारी द्वारा स्थानीय उद्यमियों/व्यापारियों को आमंत्रण पत्र भेजा जाए। यहां जनप्रतिनिधिगणों की उपस्थिति हो।
उन्होंने कहा कि 20 और 21 फरवरी को विभिन्न विषयों पर सेक्टोरल सेशन आयोजित होने हैं। ज्ञानार्जन की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी इस समारोह में विभिन्न तकनीकी, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थानों के छात्रों को आमंत्रित करें। उनके आवागमन की समुचित व्यवस्था की जाए। सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभागीय मंत्रीगण के नेतृत्व में अपने सम्बंधित विभागों को प्राप्त हर एक औद्योगिक निवेश प्रस्ताव की तत्काल समीक्षा करें।