सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर प्लान बनाने के निर्देश

सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर प्लान बनाने के निर्देश

पिछले माह आयोजित हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से उत्तर प्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में भी भरी भरकम निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरे हैं। इससे प्रदेश में नए भवन, बहुमंजिला इमारतें, औद्योगिक कॉम्प्लेक्स एवं मॉल की संख्या बढ़ेगी। प्राकृतिक आपदा भूकंप से इनको सुरक्षित रखने के लिए योगी सरकार का नवाचार पर जोर है।

प्रदेश में बनने वाली नई इमारतों में नई एवं वैश्विक तकनीकों का उपयोग कर कैसे भूकंप रोधी बनाया जाए इसके लिए गुरुवार को अभियंता, विषय विशेषज्ञ और राहत आयुक्त कार्यालय के अधिकारी मंथन करेंगे। एक दिवसीय यह आयोजन मॉल एवेन्यू के होटल साराका में आयोजित किया जाएगा। इसमें भूकंप रोधी तकनीकों के साथ-साथ भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग और नई बनने वाली हाउसिंग सोसाइटी में हरियाली बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

भूकंप व बाढ़ के कारण आपातकालीन स्थिति पर पहले से करनी होगी तैयारी

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राहत व बचाव हेतु हर कठिन स्थिति से निपटने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। पिछले सात वर्ष में उत्तर प्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में काफी तेजी आई है। ऐसे में तमाम बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का निर्माण, होटल, औद्योगिक कॉम्प्लेक्स, मॉल व हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है। परंतु दूसरी तरफ प्राकृतिक आपदा भूकंप व बाढ़ के कारण कभी भी आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में हमें पहले से ही तैयारी करके रखनी है इसीलिए सीडीआरआई के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। भूकंप रोधी भवन निर्माण हेतु आवश्यक तकनीक एवं सामग्री की आवश्यकता पर यहां चर्चा की जाएगी और विषय विशेषज्ञ राहत एवं बचाव हेतु हर मुद्दे पर गहन मंथन भी करेंगे।

वहीं परियोजना निदेशक, अदिति उमराव ने बताया कि इस कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन को लेकर भवनों को सुरक्षित रखने हेतु कई तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रमुख अभियंता सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे और भूकंप रोधी भवन निर्माण, हरित पर्यावरण, वाटर हार्वेस्टिंग, लेबर-मिस्त्रियों की सेफ्टी पर ध्यान हेतु विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण संभावित आपदा की स्थिति से हर स्तर पर जल्द से जल्द नियंत्रण प्राप्त किया जा सके।

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