उत्तरी क्षेत्रीय परिषद बैठक में सीएम सुक्खू ने आपदा राहत सुधारों पर दिया जोर


फरीदाबाद, 17 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के फरीदाबाद में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के लंबित मुद्दों को उठाया।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा पश्चात पुनर्वास के लिए लंबित केंद्रीय पैकेज शीघ्र जारी करने और जीएसटी मुआवजा अवधि के बाद 9,478 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की भरपाई हेतु विशेष टास्क फोर्स बनाने पर जोर दिया।

उन्होंने पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत चंडीगढ़ की भूमि और परिसंपत्तियों में हिमाचल के वैध 7.19 प्रतिशत हिस्से को जारी करने की मांग की। इसके साथ ही 2011 के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि हिमाचल की यह हिस्सेदारी बीबीएमबी द्वारा उत्पादित बिजली पर उसके हक का भी आधार है।

मुख्यमंत्री ने बीबीएमबी में हिमाचल से एक स्थायी सदस्य की नियुक्ति और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार बीबीएमबी से लंबित बकाया राशि तुरंत जारी करने की मांग रखी।

उन्होंने केंद्र द्वारा संचालित जलविद्युत परियोजनाओं में 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी के प्रावधान को लागू करने और लागत वसूल हो चुकी परियोजनाओं में हिमाचल की रॉयल्टी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की भी मांग की। इसके अतिरिक्त, 40 वर्ष पूरे कर चुकी जलविद्युत परियोजनाओं को राज्य को सौंपने का आग्रह किया।

आपदा प्रभावित पहाड़ी प्रदेशों की स्थिति पर चिंता जताते हुए सीएम सुक्खू ने आपदा राहत नियमों की समग्र समीक्षा की मांग की और पूरे उत्तरी क्षेत्र के लिए एकीकृत सतत विकास ढांचा तैयार करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर ऐसी समन्वित योजना अनिवार्य है।

राज्य में हवाई नेटवर्क विस्तार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए पूर्ण केंद्रीय वित्त पोषण और भूमि अधिग्रहण व्यय वहन करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही सीमावर्ती पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिपकी-ला के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने, उच्च-ऊंचाई अनुसंधान केंद्र तथा आइस हॉकी स्टेडियम जैसे प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा।

मादक पदार्थों के खिलाफ राज्य की कड़ी कार्रवाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने तीन माह के बड़े जागरूकता अभियान की जानकारी दी और पॉक्सो मामलों में शून्य-सहिष्णुता नीति दोहराई।

–आईएएनएस

एसएके/डीकेपी


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