प्रयागराज पहुंचे उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा, हम सौभाग्यशाली हैं कि यह महाकुंभ हमारे युग में आया
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महाकुंभ नगर, 9 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर रविवार को प्रयागराज पहुंचे। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ को आस्था का महासंगम करार दिया और कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि यह महाकुंभ हमारे युग में आया है।
प्रयागराज पहुंचने पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यह आस्था का महासंगम है। हमारे देश के करोड़ों लोग यहां पवित्र स्नान कर रहे हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि यह महाकुंभ हमारे युग में आया है।” उन्होंने आगे कहा, “हम मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश निरंतर समृद्धि और प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहे।”
उन्होंने महाकुंभ के भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड मंडपम का भी निरीक्षण किया। साथ ही, वह सेक्टर 8 में आयोजित ज्ञान महाकुंभ’ में भी हिस्सा लेने पहुंचे।
उन्होंने सीएम योगी को भी इस भव्य आयोजन के लिए धन्यवाद कहा। सीएम धामी ने महाकुंभ में स्थापित उत्तराखंड मंडपम का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड मंडपम में आए श्रद्धालुओं से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने श्रद्धालुओं से व्यवस्थाओं की जानकारी ली और उनकी सुविधा को लेकर संतोष जताया। यह मंडपम उत्तराखंड से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाओं से सुसज्जित है, जिससे वे अपनी आध्यात्मिक यात्रा को सहजता से पूरा कर सकें। महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड मंडपम जैसे केंद्र उन्हें विशेष सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं, जिससे उनकी यात्रा और अधिक स्मरणीय बन सके।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सेक्टर-8, प्रयागवाल मार्ग पर आयोजित ‘ज्ञान महाकुंभ’ में भी सहभागिता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने धार्मिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक विमर्शों पर अपने विचार साझा किए और आयोजन की सराहना की।
उन्होंने कहा, “शिक्षा के प्रचार–प्रसार के लिए इस ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया गया है। निश्चित रूप से यह ज्ञान महाकुंभ हमारी आने वाली नई पीढ़ी के विद्यार्थियों को एक नई दिशा देने का कार्य करेगा।”
उन्होंने कहा कि प्रयागराज की पवित्र धरा पर हो रहे ‘ज्ञान महाकुंभ’ में शैक्षिक प्रदर्शनी, संगोष्ठियां, छात्र, महिला और आचार्य सम्मेलन जैसे विभिन्न आयोजनों के माध्यम से युवाओं में भारतीय ज्ञान परंपरा की चेतना को जागृत किया जा रहा है। उन्होंने वर्ष 2027 में हरिद्वार में होने वाले अर्धकुंभ के लिए सभी को आमंत्रित किया।
–आईएएनएस
एसके/सीबीटी