'लौंग एक, फायदे अनेक', मसालों से लेकर स्वास्थ्य तक गुणों की है खान


नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। लौंग, जिसे हमारे किचन में एक सामान्य मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। लौंग का इस्तेमाल भारतीय और एशियाई व्यंजनों में सदियों से होता आया है और यह अपने अद्भुत स्वाद, सुगंध और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है।

आयुर्वेद में लौंग का उल्लेख शरीर के कई प्रकार के विकारों को ठीक करने के लिए एक शक्तिशाली औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। लौंग के छोटे से फूल की कलियों का उपयोग न केवल मसाले के रूप में बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी किया जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, सूजन-रोधी और दर्द निवारक तत्व के रूप में काम करता है।

लौंग की तासीर गर्म होती है और विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में इसका सेवन स्वास्थ्य को कई लाभ प्रदान करता है। लौंग में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि विटामिन ‘के’, फोलेट और अन्य आवश्यक खनिज जैसे मैंगनीज, पोटैशियम और बीटा-कैरोटीन। इन तत्वों का संयोजन शरीर के विभिन्न कार्यों को सही तरीके से चलाने में मदद करता है और कई बीमारियों से बचाव करता है।

लौंग का सेवन शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। लौंग में पाए जाने वाले तत्व, जैसे यूजेनॉल, शरीर के वसा को जलाने में सहायक होते हैं और यह वजन कम करने के लिए एक प्राकृतिक उपाय के रूप में काम करता है। लौंग में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। इसके अलावा, लौंग के सेवन से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह जैसे जटिल रोगों के खतरे को भी कम करता है।

लौंग के तेल का भी चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है। आयुर्वेद में लौंग के तेल का इस्तेमाल विभिन्न बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के कारण इसे दांतों के दर्द, मसूड़ों की सूजन, और संक्रमणों के उपचार में उपयोग किया जाता है। लौंग का तेल एक प्राकृतिक एनेस्थेटिक (सुन्न करने वाला एजेंट) है, जो दांतों के दर्द को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह पेट के अल्सर को ठीक करने में भी सहायक होता है। लौंग के तेल का सेवन करने से पाचन तंत्र सही रहता है और यह पेट की समस्याओं को कम करने में मदद करता है।

लौंग का एक और लाभ यह है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए प्रयोगों में पाया कि लौंग का अर्क इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है और रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रखता है। यह शोध यह साबित करता है कि लौंग का सेवन मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी हो सकता है।

कैंसर के खिलाफ लौंग के संभावित लाभ पर भी शोध किया गया है। कई अध्ययन बताते हैं कि लौंग में पाए जाने वाले तत्व कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को कम करते हैं और कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। लौंग का अर्क विभिन्न प्रकार की कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा कर सकता है और कैंसर के उपचार में भी सहायक हो सकता है। यह साबित हुआ है कि लौंग का अर्क कोलन, स्तन, और अन्य प्रकार के कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ प्रभावी हो सकता है।

इसके अलावा, लौंग का सेवन लिवर के कार्य को सुधारने में भी मदद करता है। लौंग में पाया जाने वाला यूजेनॉल लीवर के लिए फायदेमंद होता है और यह लीवर की सफाई करने में मदद करता है। इसके सेवन से लीवर की कार्यक्षमता बेहतर होती है और यह फैटी लीवर और सिरोसिस के लक्षणों को कम करता है।

लौंग के लाभ तो बहुत हैं लेकिन इसका अत्यधिक सेवन कुछ हानिकारक प्रभाव भी डाल सकता है। लौंग के तेल में यूजेनॉल की उच्च मात्रा होती है, जो अगर अधिक मात्रा में लिया जाए तो यह शरीर में विषाक्त प्रभाव डाल सकता है। विशेष रूप से बच्चों के लिए लौंग का तेल अत्यधिक हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, लौंग रक्त पतला करने वाली दवाओं के साथ मिलकर हानिकारक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, इसलिए लौंग का सेवन करते समय यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह किसी दवा के इस्तेमाल को प्रभावित न कर रहा हो।

लौंग का सेवन एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। यदि आप लौंग या इसके तेल का सेवन किसी औषधीय उद्देश्य से करना चाहते हैं, तो किसी चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर होगा।

–आईएएनएस

पीएसएम/एएस


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