वैश्विक गरीबी कम करने में मदद कर रहा चीन


बीजिंग, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। गरीबी उन्मूलन प्राचीन काल से ही मानव जाति के सामने एक बड़ी चुनौती रही है। आज भी विश्व में एक अरब से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं। 1.4 अरब से अधिक की आबादी के साथ दुनिया के सबसे बड़े विकासशील देश के रूप में, चीन ने 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंडा-2030 के गरीबी उन्मूलन लक्ष्यों को समय से पहले हासिल करने की योजना है।

चीन की गरीबी उन्मूलन रणनीति “लक्षित गरीबी उन्मूलन” पर केंद्रित है और लोगों की आजीविका में सुधार के साथ तेजी से आर्थिक विकास को एकीकृत करती है। यह सुनिश्चित करना है कि गरीबी-विरोधी उपाय स्थानीय स्थितियों के अनुरूप समाधान तैयार करके समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा कर सके। इस दृष्टिकोण ने चीन के कुछ सबसे गरीब क्षेत्रों को बदल दिया है और समान चुनौतियों से जूझ रहे अन्य देशों के लिए उपयोगी अनुभव प्रदान किया है।

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव जैसी पहलों के माध्यम से, चीन दुनिया भर के विकासशील देशों के साथ बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की परियोजनाओं पर सहयोग करता है। ये परियोजनाएं रोज़गार पैदा करती हैं, कनेक्टिविटी में सुधार करती हैं, समावेशी विकास को बढ़ावा देती हैं और लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में मदद करती हैं। अब तक, चीन ने 160 से अधिक देशों को विकास सहायता प्रदान की है, 150 से अधिक देशों के साथ उच्च गुणवत्ता वाली “बेल्ट एंड रोड” साझेदारी स्थापित की है, और विकास निधि में लगभग 20 अरब अमेरिकी डॉलर की कुल राशि के साथ 1,100 से अधिक परियोजनाओं का समर्थन किया है।

वैश्विक गरीबी उन्मूलन में चीन का योगदान वित्तीय और तकनीकी सहायता तक सीमित नहीं है। विकासशील देशों की आत्म-विकास और क्षमता निर्माण को मज़बूत करके, यह अधिक से अधिक टिकाऊ वैश्विक गरीबी उन्मूलन प्रयासों को बढ़ावा देता है। अब तक, चीन ने 180 से अधिक देशों और क्षेत्रों में 4 लाख से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है, जिससे उनकी गरीबी उन्मूलन और विकास क्षमताओं में सुधार हुआ है।

हाल ही में संपन्न जी-20 रियो शिखर सम्मेलन में, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन में शामिल होने के चीन के फैसले की घोषणा की। इस बीच, दिसंबर से चीन सबसे कम विकसित देशों को शून्य-टैरिफ नीति लागू कर रहा है। अपने विशाल बाज़ार तक शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान करके, चीन का लक्ष्य अल्प विकसित देशों को उनकी निर्यात क्षमताओं का विस्तार करने, आय उत्पन्न करने और बाहरी सहायता पर उनकी निर्भरता कम करने में मदद करना है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एबीएम/


Show More
Back to top button