अगले 60 वर्षों में चीन-फ्रांस आदान-प्रदान जारी रहना चाहिए

अगले 60 वर्षों में चीन-फ्रांस आदान-प्रदान जारी रहना चाहिए

बीजिंग, 27 जनवरी (आईएएनएस)। हाल ही में चीन और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए चीन की राजधानी पेइचिंग में एक भव्य समारोह का आयोजन हुआ।

दोनों देशों के राष्ट्रप्रमुखों ने संयुक्त वीडियो भाषण दिया। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने स्वतंत्रता, आपसी समझ, दूरदर्शिता, पारस्परिक लाभ और साझा जीत के मूल्यों की प्रशंसा की।

वहीं, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने एक साझेदारी बनाने के महत्व पर जोर दिया जो उनकी संबंधित आबादी की जरूरतों को पूरा करती है और वैश्विक शांति और स्थिरता में योगदान देती है।

यह ध्यान देने योग्य है कि फ्रांस चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला पश्चिमी देश है और व्यापक रणनीतिक साझेदारी बनाने और रणनीतिक बातचीत में शामिल होने वाला पहला देश है। पिछले 60 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में बदलाव के बावजूद, चीन और पश्चिमी देशों के बीच चीन-फ्रांस संबंध लगातार सबसे मजबूत बने हुए हैं।

अपने वीडियो भाषण में, शी चिनफिंग ने चार प्रमुख सुझाव दिए: द्विपक्षीय संबंधों पर मजबूत ध्यान केंद्रित करना, सांस्कृतिक और लोगों-से-लोगों के बीच आदान-प्रदान का विस्तार करना, एक निष्पक्ष और व्यवस्थित वैश्विक बहुध्रुवीय प्रणाली की संयुक्त रूप से वकालत करना और पारस्परिक लाभ और उभय जीत परिणामों को प्राथमिकता देना।

ये सुझाव अगले 60 वर्षों में चीन-फ्रांस संबंधों के भविष्य के विकास के लिए एक स्पष्ट दिशा प्रदान करते हैं। चीन और फ्रांस के बीच कोई भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या परस्पर विरोधी मूल हित नहीं हैं। वर्तमान में, फ्रांस यूरोपीय संघ में चीन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार, तीसरा सबसे बड़ा निवेशक और दूसरा सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी निर्यातक है।

इसके अलावा, फ्रांस एशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार होने का स्थान रखता है। स्थानीय विश्लेषकों के अनुसार, मौजूदा अस्थिर अंतरराष्ट्रीय माहौल के बीच, चीन और फ्रांस के बीच सहयोग तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है। अगले 6 दशकों में, दोनों देशों को अपने लोगों की भलाई बढ़ाने और एक बेहतर दुनिया में योगदान देने के लिए साहसिक कदम उठाने चाहिए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एबीएम/

E-Magazine