लखनऊ, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राज्य वन्य जीव बोर्ड की 16वीं बैठक में प्रदेश की जैव विविधता को संरक्षित करने और इको पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार देने सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों की चिकित्सा-सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का कैडर बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि वन्य जीवों की चिकित्सा-सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का कैडर बनाया जाए। इन चिकित्सकों का कार्य बड़ा महत्वपूर्ण है। कैडर होने से इन्हें समयबद्ध प्रोन्नति व अन्य लाभ आसानी से मिल सकेंगे।
योगी ने कहा कि पशु-पक्षियों का संरक्षण-संवर्धन हमारी संस्कृति का अंग है। प्रदेश में हर साल एक तय समय पर बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षियों का आगमन होता है। इनकी सुरक्षा हम सबकी साझी जिम्मेदारी है। इन पक्षियों अथवा अन्य पशु-पक्षियों के साथ क्रूरता/अमानवीयता स्वीकार नहीं है। ऐसी हर एक घटना के दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की निर्मल एवं अविरल धारा के विकास एवं उनके संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों से डॉल्फिन की संख्या में आशातीत बढ़ोतरी हुई है। इसी प्रकार, घाघरा, चंबल, सरयू, गेरुआ आदि अन्य नदियों में भी पाई जाने वाली डॉल्फिन व अन्य जीवों को संरक्षण देते हुए उनके संवर्धन का प्रयास किया जाए। इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक करते हुए डॉल्फिन मित्र बनाया जाए। भारत सरकार से भी इस कार्य में आवश्यक सहयोग लिया जा सकता है।
योगी ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका जैसे इको टूरिज्म के स्थलों पर सुगम आवागमन के लिए हेलीकॉप्टर सेवा एवं 4 लेन रोड कनेक्टिविटी की सुविधा हो। ऐसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर स्थानीय लोगों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर नियोजित करने, सैलानियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था विकसित कर टूरिज्म का माहौल बनाने पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि नदियों में बढ़ती गाद एवं बाढ़ की समस्या के दृष्टिगत उनकी ड्रेजिंग का सतत जारी रखा जाना चाहिए। इससे गांवों के कटान में कमी आएगी, साथ ही, वनों एवं वन्य जीव की सुरक्षा की जा सकेगी। आय में वृद्धि भी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राष्ट्र नेपाल की सीमा से लगे क्षेत्रों में भारतीय सेल्युलर कंपनियों के नेटवर्क कवरेज की समस्या संज्ञान में आई है। ऐसा देखा जा रहा है कि इन क्षेत्रों में नेपाली संचार कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क आ रहे हैं। इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। आवश्यक कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग, जनपद महराजगंज इतिहास के अनेक रहस्यों को संजोए हुए है। इस क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम-धरमौली में सोनारी वन भूमि पर पुरातात्विक उत्खनन कार्य कराया जाना चाहिए। एएसआई भी इसके लिए इच्छुक है। ऐसे में नियमानुसार राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति से अनापत्ति/वन्य जीव क्लीयरेन्स के लिए प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करें।
–आईएएनएस
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