छत्तीसगढ़: कुपोषण के खिलाफ धमतरी का अभियान, ‘लइका घर’ में बच्चों को मिल रहा पौष्टिक आहार


धमतरी, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला प्रशासन ने जमीनी स्तर पर कुपोषण उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आदिवासी गांव खुदुरपानी में ‘लइका घर’ (बाल गृह) नामक नई पहल की शुरुआत की है।

केंद्र और राज्य सरकारें लंबे समय से कुपोषण से लड़ने और देश के बच्चों के स्वस्थ भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए कार्यरत हैं। इसी कड़ी में धमतरी जिले में शुरू हुआ यह मॉडल गांव स्तर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल माना जा रहा है।

‘लइका घर’ के माध्यम से स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों को रोजाना गर्म और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इस आहार में दूध, रागी (बाजरा), मड़िया (स्थानीय अनाज) और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल किए गए हैं, ताकि बच्चों की पोषण आवश्यकताएं पूरी हो सकें।

कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान खुदुरपानी में ‘लइका घर’ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कुपोषण के खिलाफ हमारी लड़ाई में ‘लइका घर’ एक मजबूत हथियार साबित होगा। धमतरी को कुपोषण-मुक्त जिला बनाने के लिए हम हर गांव में ऐसे केंद्र खोलने की योजना बना रहे हैं। तीन साल की उम्र तक बच्‍चों को लइका घर में तीन टाइम खाना दिया जाता है। छत्‍तीसगढ़ का सपना कुपोषण मुक्‍त का है।

भारत में, विशेषकर आदिवासी और वंचित इलाकों में कुपोषण अब भी बाल मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। जीवन के शुरुआती वर्षों में पौष्टिक भोजन की कमी से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है।

स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मंजुलता साहू ने आईएएनएस को बताया कि अब यहां के बच्चों को नियमित रूप से पौष्टिक भोजन मिलेगा। इससे उनके स्वास्थ्य, ऊर्जा और सक्रियता में निश्चित रूप से सुधार होगा। लइका घर में 11 बच्‍चों का पंजीकरण किया गया है। यहां खेल खेल में ही बच्‍चों के शारीरिक और मानसिक विकास को भी प्राथमिकता दी जाती है।

–आईएएनएस

एएसएच/एबीएम


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