गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर, एक दिन में 6 की मौत

गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर, एक दिन में 6 की मौत

अहमदाबाद, 15 जुलाई (आईएएनएस)। गुजरात के अलग-अलग इलाकों में चांदीपुरा वायरस से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। सोमवार को गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल में चांदीपुरा वायरस से छह लोगों की मौत हो गई।

वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि चांदीपुरा कोई नया वायरस नहीं है, पहला मामला साल 1965 में महाराष्ट्र से सामने आया था। उसके बाद गुजरात में भी यह संक्रमण पाया गया।

उन्होंने कहा कि यह संक्रमण आमतौर पर बरसात के मौसम में देखने को मिलता है। यह संक्रमित रोग मक्खी, मच्छर के काटने से होता है। 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों में यह संक्रमण पाया जाता है। खास तौर पर यह ग्रामीण क्षेत्रों में इस वायरस का संक्रमण ज्यादा देखने को मिलता है।

यदि बाल रोगियों में उच्च श्रेणी के बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल एक चिकित्सक को रेफर करें। गुजरात में अब तक 12 मामले पाए गए हैं। जिसमें 6 मरीजों का इलाज चल रहा है और 6 की मौत हो गई है।

उन्होंने कहा कि चांदीपुरा वायरस परीक्षण के लिए नमूने पुणे भेजे जाते हैं, जिसकी रिपोर्ट 12 से 15 दिन में आती है। अब तक चांदीपुरा वायरस से 6 मरीजों की मौत की खबर आ चुकी है। पुणे से सैंपल के नतीजे आने के बाद ही निश्चित रूप से कहा जा सकेगा कि ये मरीज चांदीपुरा वायरस से संक्रमित थे या नहीं।

स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाकों में सक्रिय निगरानी की है। अब तक कुल 4,487 घरों में 18,646 व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है। वायरस के नियंत्रण के लिए कुल 2093 घरों में कीटनाशकों का छिड़काव भी किया गया है।

दरअसल चांदीपुरा वायरस में अक्सर अचानक तेज बुखार आना, उसके बाद दौरे पड़ना, दस्त, मस्तिष्क में सूजन, उल्टी का होना शामिल है, जो मौत का कारण बन सकता है। बताया गया है कि इस वायरस से संक्रमित बच्चे लक्षण दिखने के 48-72 घंटों के भीतर मर जाते हैं। ऐसे में यह वायरस शिशुओं और वयस्क के लिए घातक है। गुजरात सरकार ने लोगों को सावधानी बरतने की अपील की है।

–आईएएनएस

एकेएस/एसकेपी

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