अनुसूचित जाति जनजाति की योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने केंद्रीय समिति का मध्य प्रदेश दौरा

भोपाल, 6 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा के साथ उनकी जमीनी हकीकत जानने के लिए केंद्रीय समिति का गठन किया है। यह समिति मध्य प्रदेश के प्रवास पर भोपाल पहुंची।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस समिति के सदस्यों के साथ बैठक भी हुई। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता में गठित अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण के लिए गठित केंद्रीय संसदीय समिति मुख्यमंत्री निवास पहुंची।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समिति के सदस्यों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास तथा कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना हमारा उद्देश्य है। योजनाओं और कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य शासन विभिन्न सुझावों के प्रति संवेदनशील और नवाचारों के लिए तत्पर है।
केंद्रीय समिति के अध्यक्ष कुलस्ते ने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय समिति द्वारा मैदानी स्तर पर समीक्षा की जा रही है। साथ ही कर्मचारियों की सेवा में प्रतिनिधित्व और उनके लिए संचालित कल्याणकारी गतिविधियों की प्रगति का भी आंकलन किया जा रहा है। योजनाओं व कार्यक्रमों के संबंध में समिति ने स्थानीय समुदायों, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद किया है। समिति द्वारा तैयार की जा रही यह रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की जाएगी।
बता दें कि केंद्रीय समिति प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर आई। समिति में राज्यसभा सांसद मिथलेश कुमार, ममता ठाकुर, सुमित्रा बाल्मीक, देवेंद्र प्रताप सिंह, फूलो देवी नेताम, रवांगारा नार्जरी, लोकसभा सांसद हरीश मीना, अरुण कुमार, प्रोतिमा मंडल, जगन्नाथ सरकार, गोविंद करजोल, डी. प्रसाद राव और विष्णु दयाल राम शामिल हैं।
मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी की बात करें तो मध्य प्रदेश वह राज्य है जहां अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी लगभग 37 प्रतिशत है। इसमें अनुसूचित जनजाति 21 प्रतिशत और अनुसूचित जाति लगभग 16 प्रतिशत है।
–आईएएनएस
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