केंद्र ने नॉन-फेरस मेटल रिसाइक्लिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया पोर्टल

नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने भारत में व्यवस्थित, पारदर्शी और टिकाऊ पुनर्चक्रण (रिसाइकलिंग) इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए एक नॉन-फेरस मेटल रिसाइकलिंग वेबसाइट और हितधारक पोर्टल लॉन्च किया।
नॉन-फेरस मेटल यानी अलौह धातु वे होती हैं, जिनमें लोहे की मात्रा या तो बहुत कम होती है या बिल्कुल भी नहीं होती है। एल्युमिनियम, कॉपर, जिंक और टिन नॉन-फेरस मेटल के उदाहरण हैं।
इस पोर्टल को कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे और खान मंत्रालय और जेएनएआरडीडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में लॉन्च किया गया।
इस पोर्टल की प्रमुख विशेषताओं में डिस्मेंटलर्स, रिसाइक्लर्स, ट्रेडर्स और कलेक्शन सेंटर्स की नेशनल रजिस्ट्री; रॉ मटीरियल फ्लो, प्रोडक्ट टाइप, टेक्नोलॉजी अडॉप्शन और वर्कफोर्स डेटा को ट्रैक करने के लिए टूल्स; परफॉर्मेंस बेंचमार्किंग मैकेनिज्म; रीजनल, सेक्टोरल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल गैप की पहचान; स्टैंडर्ड्स, सर्टिफिकेशन सिस्टम और जागरूकता अभियानों के विकास का समर्थन शामिल है।
इस पोर्टल को नेशनल नॉन-फेरस मेटल स्क्रैप रिसाइक्लिंग फ्रेमवर्क कार्यान्वयन दिशानिर्देशों के तहत डेवलप किया गया है। इस पोर्टल को प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाने, डेटा विजिबिलिटी में सुधार करने और एल्यूमीनियम, कॉपर, जिंक और क्रिटिकल एलिमेंट्स की रिसाइक्लिंग में एविंडेंस बेस्ड पॉलिसीमेकिंग को सपोर्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।
केंद्रीय मंत्री, रेड्डी ने कहा, “भारत एक ऐसी सर्कुलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करे। यह पोर्टल न केवल रिसाइक्लिंग लैंडस्कैप में रियल-टाइम विजिबिलिटी प्रदान करेगा, बल्कि सभी हितधारकों को सूचित निर्णय लेने, अंतराल को पाटने और हमारे अलौह धातु क्षेत्र की पूरी क्षमता को पेश करने में सशक्त बनाएगा।”
राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “यह पोर्टल रिसाइक्लिंग वैल्यू चेन को मजबूत करने और ट्रांसपेरेंसी और डेटा-ड्रिवन पॉलिसी सपोर्ट के माध्यम से उद्योग की भागीदारी को बढ़ाने के लिए एक बहुत ही आवश्यक कदम है।”
यह वेबसाइट सूचना प्रसार, जागरूकता बढ़ाने और रिसाइक्लर्स, डिस्मेंटलर्स, एग्रीगेटर्स, उद्योग संघों और अनुसंधान संस्थानों के साथ जुड़ने के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र के रूप में काम करेगी।
–आईएएनएस
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