इटावा हत्याकांड का आरोपी कारोबारी गिरफ्तार, पारिवारिक विवाद में घटना को दिया अंजाम

इटावा हत्याकांड का आरोपी कारोबारी गिरफ्तार, पारिवारिक विवाद में घटना को दिया अंजाम

इटावा, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में स्थित लालपुरा में अपनी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या करने वाले सर्राफा कारोबारी मुकेश वर्मा को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा ने बताया कि व्यापार में नुकसान और पारिवारिक विवाद के चलते सर्राफा कारोबारी मुकेश वर्मा ने अपनी पत्नी और बच्चों को पहले जहर दिया। चारों की मौत जब जहर खाने से नहीं हुई तो गले में रस्सी का फंदा डालकर उनकी हत्या कर दी।

उन्होंने बताया कि पत्नी और तीन बच्चों की हत्या करने वाले सर्राफा कारोबारी मुकेश वर्मा के खिलाफ उसके साले सत्येंद्र सोनी ने भारतीय न्याय संहिता की हत्या की धारा 103 (1) के तहत मामला दर्ज कराया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख है कि मृतकों के शरीर में जहर तो मिला ही है, साथ ही सभी के गले पर रस्सी के निशान भी पाए गए हैं। पुलिस का मानना है कि इनकी हत्या के लिए मुकेश वर्मा ही जिम्मेदार है। हत्याकांड के बाद मुकेश वर्मा को पुलिस ने इटावा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। लेकिन, अस्‍वस्‍थ होने के चलते उसे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। स्थिति ठीक होने के बाद उसे मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपी ने परिवार के चारों सदस्यों की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है। हत्या के पीछे पारिवारिक विवाद और कारोबार में नुकसान बताया जा रहा है। मुकेश वर्मा के साले सत्येंद्र सोनी ने हत्याकांड को लेकर मुकदमा दर्ज कराया है। अपनी प्राथमिकी में सत्येंद्र सोनी ने बताया है कि उसकी बहन रेखा वर्मा की शादी वर्ष 2006 में मुकेश वर्मा के साथ हुई थी। मुकेश वर्मा उनकी बहन और तीनों बच्चों की हत्या कर फरार हो गया। बाद में पता चला कि मुकेश वर्मा आत्महत्या का नाटक करते हुए रेलवे स्टेशन पर पटरी के बीच लेटा हुआ था।

सर्राफा कारोबारी ने सोमवार को अपनी पत्नी, दो बेटियों और बेटे की हत्या कर दी थी। इसके बाद रात में पुलिस को सूचना दी और मोबाइल फोन बंद कर लिया। वह रात साढ़े नौ बजे के करीब आत्महत्या करने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा और मरुधर एक्सप्रेस के सामने लेट गया था, लेकिन ट्रेन ऊपर से निकल गई। इसके बाद आरपीएफ ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।

–आईएएनएस

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