भारत की मजबूत पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों के कारण घरेलू शेयर बाजारों में दर्ज तेजी : रिपोर्ट


नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक इंडीकेटर्स के चलते घरेलू शेयर बाजारों में तेजी दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछली पांच तिमाहियों में सबसे मजबूत वृद्धि है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

नए ऑर्डरों में तीव्र वृद्धि और मजबूत मांग के कारण, सेवा क्षेत्र का पीएमआई अगस्त 2025 में बढ़कर 62.9 हो गया, जो 15 वर्षों में इसका उच्चतम स्तर है।

आईसीआरए एनालिटिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “जीएसटी काउंसिल द्वारा मौजूदा चार कर स्लैब को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-दर संरचना में सरल बनाने और चुनिंदा विलासिता की वस्तुओं जैसे महंगी कारों, तंबाकू और सिगरेट के लिए 40 प्रतिशत की विशेष स्लैब का प्रस्ताव देने से सेंटीमेंट को बल मिला।”

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा सितंबर में श्रम बाजार में हालिया कमजोरी का हवाला देते हुए वर्ष की पहली ब्याज दरों में कटौती के बाद शेयर बाजारों में तेजी आई।

हालांकि, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर बनी अनिश्चितता और घरेलू शेयर बाजारों से विदेशी संस्थागत निवेशकों की निरंतर निकासी के कारण कुल लाभ सीमित रहा।

इस बीच एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष सितंबर तक इक्विटी म्यूचुअल फंड श्रेणी में देखे गए रुझानों में, इक्विटी म्यूचुअल फंड की सभी श्रेणियों ने 3, 5 और 10 वर्ष की अवधि में पॉजिटिव कैटेगरी एवरेज रिटर्न दिया; स्मॉल कैप फंड ने 5 और 10 वर्ष की अवधि में मैक्सिमम कैटेगरी एवरेज रिटर्न दिया। लार्ज कैप फंड ने 1 वर्ष की अवधि में लगभग 4.92 प्रतिशत का नेगेटिव कैटेगरी एवरेज रिटर्न दिया।

इसी तरह, इस महीने डेट म्यूचुअल फंड श्रेणी में भी रुझान देखे गए। क्रेडिट रिस्क फंड ने 6-वर्ष, 1-वर्ष, 3-वर्ष और 5-वर्ष की अवधि में अधिकतम औसत रिटर्न दिया। कम अवधि वाले फंड ने 1 महीने में अधिकतम औसत रिटर्न (18.57 प्रतिशत) दिया।

डेट म्यूचुअल फंड की सभी श्रेणियों ने 1, 3, 5 और 10 वर्ष की अवधि में पॉजिटि रिटर्न दिया। इसके अलावा, क्रेडिट रिस्क फंडों ने 6-माह, 1, 3 और 5 वर्ष की अवधि में अधिकतम औसत रिटर्न दिया।

–आईएएनएस

एसकेटी/


Show More
Back to top button