उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के चर्चित फतेहपुर हत्या काण्ड मामले से जुड़ी खबर सामने आ रही है. जिलाधिकारी ने तहसील कोर्ट द्वारा सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने वाले फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपी पक्ष की अपील को खारिज कर दिया है. तहसील कोर्ट के इस फैसले के विरोध में आरोपी पक्ष के लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाद दाखिल किया था. जहां हाईकोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी देवरिया को 3 महीने के भीतर सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाने का निर्देश दिया था. सोमवार को सुनवाई के दौरान डीएम ने तहसील न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपी पक्ष की अपील को खारिज कर दिया.
बता दें कि देवरिया जिला के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में सत्य प्रकाश दुबे व पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के बीच काफी दिनों से जमीनी विवाद चल रहा था. इसी विवाद में बीते 2 अक्टूबर को सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई. प्रेमचंद की हत्या के प्रतिशोध में उमड़ी भीड़ में सत्य प्रकाश दुबे समेत उनके परिवार के पांच लोगों की बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी. इस घटना में 27 नामजद समेत लगभग 50 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था.
इस घटना को लेकर प्रदेशभर में हलचल मच गई थी. शासन ने इस घटना को लेकर दोषी मानते हुए वर्तमान व पूर्व एसडीम, सीओ और कोतवाल समेत लगभग एक दर्जन अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को डैमेज कंट्रोल के लिए फतेहपुर गांव आना पड़ा था. इस मामले को लेकर सपा और भाजपा नेताओं के बीच काफी दिनों तक वाक युद्ध भी चला. जहां नरसंहार के बाद तहसील कोर्ट ने अवैध निर्माण गिराने का निर्देश दिया था. इस हत्याकांड से पहले सत्य प्रकाश दुबे ने प्रेमचंद यादव पर सरकारी जमीन कब्जा करके मकान बनाने की शिकायत तहसील में की थी.
हत्याकांड के बाद प्रशासन सख्त हुआ और सत्य प्रकाश दुबे की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए प्रेमचंद यादव के मकान की पैमाइश कराई. पैमाइश में प्रशासन ने सत्य प्रकाश दुबे की शिकायत को सही पाया और प्रेमचंद यादव की मकान सरकारी जमीन में बना हुआ बताते हुए उसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था. तहसील कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ प्रेमचंद के परिजनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली थी. हाई कोर्ट ने डीएम देवरिया को इस मामले की 3 महीने के अंदर सुनवाई करके फैसला सुनाने का निर्देश दिया था.
तहसील कोर्ट के फैसले को डीएम ने बरकरार रखा सोमवार को सुनवाई के दौरान डीएम अखंड प्रताप सिंह ने तहसील कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए उसे बरकरार रखा. डीएम ने प्रेमचंद यादव की मकान को सरकारी जमीन में बताते हुए तहसील कोर्ट द्वारा दिए गए बेदखली के फैसले को अमल में लाने का निर्देश दिया है. दुबे परिवार के पांच लोगों समेत 6 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में सत्य प्रकाश ने प्रेमचंद यादव पर सरकारी जमीन कब्जा करके मकान बनवाने की शिकायत तहसील में की थी. तहसीलदार ने इस मामले में पैमाइश करने के बाद सत्य प्रकाश दुबे की शिकायत को सही पाया था, और प्रेमचंद यादव की मकान दोस्त करने का निर्देश दिया था.
सरकारी जमीन के बेदखली मामले में डीएम ने बीते 2 अक्टूबर को फतेहपुर गांव में जमीनी विवाद को लेकर 6 लोगों की हत्या हो गई थी. इस मामले में एक पक्ष ने आरोपी प्रेमचंद यादव की मकान को सरकारी जमीन में बना होना बताते हुए उसे खाली कराने के लिए तहसील में वाद दाखिल किया था. तहसील न्यायालय ने प्रेमचंद की मकान को सरकारी जमीन में बना होना बताते हुए उसे ध्वस्त करने का निर्देश दिया था. इसके विरोध में प्रेमचंद यादव के परिजनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाद दाखिल किया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी को निर्देशित किया था. इस मामले में डीएम देवरिया ने रुद्रपुर तहसील न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है, और प्रेमचंद यादव द्वारा किए गए अवैध को कब्जे को खाली कराने का निर्देश दिया है.