बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। यूनेस्को में हर साल 5 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय अंतरात्मा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य प्रेम और अंतरात्मा के साथ शांति संस्कृति का निर्माण करना है, ताकि अनवरत विकास हो सके। शांति संस्कृति के निर्माण में व्यापक शिक्षा, संस्कृति, समाज और नागरिक कार्रवाई की जरूरत है।
हर व्यक्ति को सीखने का मौका मिलता है और साझा भी करता है। शांति संस्कृति का निर्माण सभी लोगों से संबंधित है, जो एक निष्पक्ष वैश्विक रणनीति है। शांति का मतलब कोई मतभेद या मुठभेड़ नहीं है। यह लोकतंत्र, न्याय और लोगों के विकास के साथ आंतरिक संबंध होने वाली सक्रिय, गतिशील और भागीदारी प्रक्रिया भी है।
इस प्रक्रिया के जरिए भिन्नता का सम्मान किया जाता है, बातचीत को प्रोत्साहन दिया जाता है, मुठभेड़ को अहिंसक तरीके से निरंतर रूपांतरित किया जाता है और अंततः सहयोग के नए अवसर ढूंढे जाते हैं। शांति संस्कृति मूल्य अवधारणा, रवैया, पारंपरिक रीति-रिवाज, व्यवहार पैटर्न और जीवन शैली है, जो जीवन, मानव जाति और मानवाधिकार का सम्मान करती है, सभी प्रकार की हिंसा को अस्वीकार करती है, पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकार को मान्यता देती है।
इसके तहत देशों, जातियों, धर्मों, संस्कृतियों, समूहों और लोगों के बीच अंतर का सम्मान किया जाता है और एक-दूसरे को समझाया जाता है। यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र संघ के सभ्यता गठबंधन सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शांति और अहिंसा की संस्कृति से संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन से शांति संस्कृति को बढ़ाया गया है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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