लंदन से 100 टन सोना वापस लाने से अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ेगा कोई फर्क : पी चिदंबरम

लंदन से 100 टन सोना वापस लाने से अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ेगा कोई फर्क : पी चिदंबरम

नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्रिटेन के बैंक में रखे अपने करीब 100 टन सोने को भारत लाने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

आईएएनएस से बात करते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि विदेश में रखे सोने को देश में वापस लाने में कुछ भी गलत नहीं है।

जब उनसे पूछा गया कि आरबीआई के इस कदम से अर्थव्यवस्था को किस तरह मदद मिलेगी, तो उन्होंने कहा,”लंदन की तिजोरी से वापस भारत की तिजोरी में सोना लाने से कोई फर्क नहीं पड़ेेेगा।”

उधर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने कहा कि, अधिकांश देश अपना सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड या ऐसे अन्य स्थानों पर रखते हैं और इसके लिए शुल्क अदा करते हैं।

सान्याल के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत अब अपना ज़्यादातर सोना अपनी तिजोरियों में रखेगा। 1991 में संकट के बीच हमें रातों-रात सोना बाहर भेजना पड़ा था, तब से हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं।”

उनके अनुसार,1990-91 में सोना बाहर भेजना हमारी विफलता थी, जिसे हम कभी नहीं भूलेंगे।

उन्होंने कहा, इसलिए सोने को वापस लाने का एक विशेष अर्थ है। 1991 में, देश गंभीर रूप से विदेशी मुद्रा के संकट था। हमारे पास ज़रूरी वस्तुओं के आयात के लिए पैसे नहीं थे। तत्कालीन चंद्रशेखर सरकार ने धन जुटाने के लिए सोना गिरवी रख दिया था। आरबीआई ने तब 400 मिलियन डॉलर हासिल करने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था।

इस साल 31 मार्च तक आरबीआई के पास अपने विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के रूप में 822.10 टन सोना था।

–आईएएनएस

सीबीटी/

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