मोटापे से ग्रस्त लोगों में ब्लड कैंसर का खतरा 70 प्रतिशत से अधिक : अध्ययन

मोटापे से ग्रस्त लोगों में ब्लड कैंसर का खतरा 70 प्रतिशत से अधिक : अध्ययन

न्यूयॉर्क, 14 जनवरी (आईएएनएस)। शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों में बल्ड कैंसर का खतरा अधिक है। मोटापे से मल्टीपल मायलोमा ‘प्लाज्मा सेल का ब्लड कैंसर’ विकसित होने का खतरा 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकता है।

अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल की टीम ने कहा, ”धूम्रपान की आदतें और व्यायाम भी मल्टीपल मायलोमा विकसित होने की संभावना को प्रभावित कर सकते हैं।”

ब्लड एडवांसेज में प्रकाशित शोध से पता चला है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों में मोनोक्लोनल गैमोपैथी ऑफ अनडिटरमिन्ड महत्व (एमजीयूएस) होने की संभावना ज्यादा होती है, जो एक सौम्य रक्त (ब्लड) कंडिशन है जो अक्सर मल्टीपल मायलोमा से पहले होती है।

मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के डेविड ली ने बताया, “मल्टीपल मायलोमा के ईलाज में तेजी आई है। लेकिन यह एक लाइलाज बीमारी बनी हुई है। जिसका अक्सर निदान तब किया जाता है जब मरीजों को पहले ही अंतिम अंग क्षति का अनुभव हो चुका होता है।”

टीम ने फरवरी 2019 और मार्च 2022 के बीच पूरे अमेरिका से 2,628 व्यक्तियों की स्टडी की। खुद-पहचान किए गए वंश और हेमाटोलॉजिक विकृतियों के पारिवारिक इतिहास के आधार पर इनमें मल्टीपल मायलोमा विकसित होने का खतरा बढ़ गया था।

उन्होंने आगे पाया कि सामान्य वजन वाले व्यक्तियों की तुलना में मोटापे के कारण एमजीयूएस होने की संभावना 73 प्रतिशत अधिक है। शारीरिक गतिविधि का लेखा-जोखा करते समय यह जुड़ाव अपरिवर्तित रहा।

हालांकि, जो व्यक्ति प्रति दिन 45-60 मिनट या उससे अधिक दौड़ने या जॉगिंग करते हैं, उनमें बीएमआई वर्ग के लिए समायोजन के बाद भी एमजीयूएस होने की संभावना कम थी। जबकि जो लोग भारी धूम्रपान और कम नींद लेते हैं उनमें एमजीयूएस होने की संभावना अधिक थी।

एमजीयूएस वाले अधिकांश लोगों में कोई महत्वपूर्ण लक्षण नहीं दिखते हैं और वे तुरंत बीमार नहीं होते हैं। बल्कि, एमजीयूएस की उपस्थिति मल्टीपल मायलोमा जैसी अधिक गंभीर स्थितियों के संभावित विकास की निगरानी के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करती है, जो एमजीयूएस में बदल सकती है।

डेविड ली ने कहा कि ये परिणाम कैंसर के खतरे पर वजन, व्यायाम और धूम्रपान जैसे परिवर्तनीय जोखिम फेक्टरों के प्रभाव को समझने में हमारे भविष्य के शोध का मार्गदर्शन करते हैं।

इससे पहले कि हम मल्टीपल मायलोमा जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए प्रभावी निवारक स्वास्थ्य रणनीतियां विकसित कर सकें, हमें पहले एमजीयूएस और मोटापे जैसे संभावित परिवर्तनीय जोखिम कारकों के बीच संबंधों को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

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