भाजपा ने अपने शासन में नफरत फैलाने का काम किया : तारिक अनवर


नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड के देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सोशल मीडिया पोस्ट पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि वे बिल्कुल सही कह रहे हैं। भाजपा ने अपने शासन में सिर्फ नफरत फैलाने का काम किया है।

नई दिल्ली में आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस सांसद ने कहा कि पिछले 10-11 वर्षों से, जब से भाजपा सत्ता में आई है, देश में ज्यादा से ज्यादा नफरत फैलाने की लगातार कोशिश की जा रही है। इसका नतीजा यह है कि आज ऐसी घटनाएं हो रही हैं, और लोग इस तरह अपनी जान गंवा रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि जो दोषी हैं, उनको बचाने का काम किया गया है। ये सारी कार्रवाई एक सोची-समझी साजिश के तहत हुई है। प्रशासन को सख्ती से काम करना चाहिए और उन तमाम लोगों को, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि वे बांग्लादेश की नेता थीं। उन्होंने लंबे समय तक प्रधानमंत्री के तौर पर बांग्लादेश के लोगों और जनता की सेवा की। जाहिर है, बांग्लादेश को एक बड़ा नुकसान हुआ है। अब, शायद उनके बेटे उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्नाव की घटना शर्मनाक, दर्दनाक है। एक प्रकार से हाईकोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा खत्म करने की कोशिश की गई थी। लोगों में आक्रोश हुआ। पीड़िता के परिवार को तकलीफ थी। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।

मौलाना अरशद मदनी के एक्स पोस्ट को लेकर कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने बिल्कुल सही कहा है। शासन-प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होती है। इससे उन तमाम ऐसे असामाजिक तत्वों को शह मिल रही है और ये घटनाएं धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं। हम एक तरफ दूसरे देशों में जो घटनाएं हो रही हैं, उनकी निंदा कर रहे हैं, लेकिन खुद अपने देश के अंदर जो इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, उन पर किसी तरह से रोक लगाने में असफल हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस एकजुट है। भारतीय जनता पार्टी में गलतफहमी बनी रहे, हम लोग यही चाहते हैं। कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं हैं। जो भी फैसला होता है, वो सर्वसम्मति से होता है।

प्रदूषण के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों ही प्रदूषण पर चर्चा से भागते रहे हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में बार-बार विपक्ष ने प्रदूषण पर बहस की मांग की। सरकार ने वादा भी किया था। लेकिन, चर्चा नहीं हो पाई।

–आईएएनएस

डीकेएम/एबीएम


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