भाजपा विधायक शंकर घोष ने ममता बनर्जी को बताया 'हिंदू विरोधी'

कोलकाता, 20 मार्च (आईएएनएस)। भाजपा नेता और विधायक शंकर घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें “हिंदू विरोधी” बताया है।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि कुछ लोग राज्य में दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं और भाजपा को एक साम्प्रदायिक पार्टी बताया था। इस पर शंकर घोष ने कहा कि “ममता बनर्जी और उनके मंत्री वर्ग का रवैया हिंदू विरोधी है”, और उनके आरोपों में कोई ठोस आधार नहीं है।
उन्होंने ममता के बयान को बेतुका और तथ्यहीन करार दिया और कहा कि ममता सरकार देश के सबसे बड़े मुद्दों को छुपाने के लिए झूठी बयानबाजी करती हैं। घोष ने कोलकाता हाई कोर्ट में बढ़ते रेप के मामलों का उदाहरण दिया और कहा कि ममता बनर्जी को इस पर ध्यान देने की बजाय अपनी सरकार की असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए साम्प्रदायिक मुद्दों पर बयानबाजी करनी पड़ रही है।
शंकर घोष ने ममता बनर्जी की लंदन यात्रा को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि ममता के लंदन जाने पर उनका एक छोटा सा अनुरोध है कि वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के गेट के सामने एक तस्वीर खींचकर उसे आम जनता के लिए सोशल मीडिया या प्रेस में साझा करें ताकि लोग देख सकें कि ऑक्सफोर्ड में क्या हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ममता के खिलाफ आरोप इसलिए लगाए जाते हैं क्योंकि उनकी सरकार लगातार असफल हो रही है और विपक्षी नेताओं द्वारा सवाल उठाने के बाद वह सिर्फ अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए साम्प्रदायिक बयान देती हैं।
डॉ. सुवर्ण गोस्वामी के तबादले पर शंकर घोष ने कहा कि यह एक आम प्रक्रिया है, जहां जो लोग विरोध करते हैं, उन्हें हटा दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ममता के खिलाफ लड़ने वाले लेफ्ट के नेता वास्तव में ममता सरकार के साथ गठबंधन बनाए रखते हैं। घोष ने यह आरोप भी लगाया कि ममता बनर्जी के खिलाफ वास्तविक लड़ाई लड़ने वाले लोग पीड़ित हो रहे हैं और यही कारण है कि भाजपा के साथ आकर उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने लोकतंत्र की बहाली की बात करते हुए कहा कि ममता बनर्जी की तानाशाही के खिलाफ जनता को एकजुट होकर भाजपा के साथ खड़ा होना चाहिए ताकि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को फिर से बहाल किया जा सके।
–आईएएनएस
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