बिहार: पप्पू यादव ने आशा-ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की टाइमिंग पर उठाए सवाल


नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाए जाने की टाइमिंग पर सवाल उठाया है।

पप्पू यादव ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि आखिर मुख्यमंत्री ने अभी ही क्यों आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का फैसला किया है? अगर आप लोगों को आशा कार्यकर्ताओं की इतनी ही फिक्र है, तो इन लोगों को नियमित क्यों नहीं कर देते हैं?

उन्होंने दावा किया कि यह सब कुछ राजनीतिक एजेंडे के तहत किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। राज्य की जनता इन लोगों की मंशा को जानती है कि आखिर क्यों ये लोग इस तरह का ऐलान कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि लोग अब इनके झांसे में नहीं आएंगे।

साथ ही, पप्पू यादव ने विश्वास दिलाया कि जब हमारी सरकार सत्ता में आएगी, तो निश्चित तौर पर हम सभी लोगों के हितों का ख्याल रखेंगे। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी के भी हितों के साथ कोई समझौता नहीं हो। मौजूदा समय में जिस तरह की स्थिति ये लोग अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, वो सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के मकसद से है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि अब राज्य की जनता इन लोगों के चाल-चरित्र और चेहरे को पहचान चुकी है।

इसके अलावा, उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण पर भी अपनी बात रखी और कहा कि ऐसा करके ये लोग संविधान पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, वे हमारी नस्लों पर भी प्रहार कर रहे हैं। आखिर हम इस तरह की स्थिति को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? हम ऐसा बिल्कुल भी नहीं करेंगे।

वहीं, उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को अप्रासंगिक बताया और कहा कि इनके भाषण में ऐसा कुछ नहीं होता है जिसे सुना जा सके। इनके भाषण में सिर्फ गांधी परिवार के कुछ लोग ही शामिल होते हैं, जिन्हें टारगेट करते हैं। इसके अलावा, इनके भाषण में कुछ नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग इतिहास पढ़ने की बात कह रहे हैं, लेकिन इन लोगों ने खुद ही इतिहास नहीं पढ़ा है। इन लोगों ने सिर्फ नफरत फैलाने वाला इतिहास पढ़ा है। ये लोग सिर्फ यही जानते हैं कि किसी को धर्म और जाति के नाम पर बांटा जा सके और उनके बीच नफरत की खाई पैदा की जा सके। इन लोगों का देश से कोई सरोकार नहीं है।

–आईएएनएस

एसएचके/डीएससी


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