'बिहार के नेताओं ने राहुल गांधी को शीशा दिखाया', कांग्रेस की रिव्यू मीटिंग में हंगामे पर बोले भाजपा नेता


पटना, 28 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस की रिव्यू मीटिंग में हंगामे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि अभी सरेआम पैसों के लेन-देन और टिकट बेचने की बात उठ रही है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है।

भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “कांग्रेस की लीडरशिप और नीतियां विफल हुई हैं। वे सिर्फ ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को उठाते रहे। राहुल गांधी खुद विदेशी एजेंडा को फॉलो कर रहे हैं। अब खुद कांग्रेस कैडर के लोग राहुल गांधी के इस एजेंडे के खिलाफ खड़े हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “बिहार के नेताओं ने राहुल गांधी को शीशा दिखाया है। इससे कांग्रेस हाईकमान को समझ आना चाहिए कि भविष्य में वहां की लोकल लीडरशिप को विश्वास में लेकर ही काम करें। अभी सरेआम पैसों के लेन-देन और टिकट बेचने की बात उठ रही है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है।”

कर्नाटक कांग्रेस में अंतर्कलह पर उन्होंने कहा, “राज्य में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच आपसी सिर-फुटव्वल है, लेकिन इसका नुकसान शासन और प्रशासन को हो रहा है।”

वहीं, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कांग्रेस की रिव्यू मीटिंग में हुई हंगामे पर कहा, “एक राजनीतिक दल को निसंदेह हार के बाद मंथन करना चाहिए, क्योंकि इससे कारण सामने आते हैं। लेकिन कांग्रेस की बिहार इकाई को राहुल गांधी की वजह से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। गैर-जरूरी मुद्दों को उन पर थोपा गया। जनता से जुड़े सवालों से कांग्रेस दूर चल गई थी।”

उन्होंने कहा, “राज्य इकाई के नेताओं को साहस जुटाना चाहिए और हार के लिए केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। वे लोग तभी बिहार में कांग्रेस को ट्रैक पर ला सकते हैं।”

कर्नाटक विवाद पर राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस की अंतर्कलह के कारण सरकार के पतन की स्थिति बन चुकी है। राहुल गांधी की उदासीनता के कारण जल्द कोई निर्णय होता नहीं दिख रहा है। निस्सेह इससे सरकार पर असर पड़ेगा।”

–आईएएनएस

डीसीएच/


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