बिहार चुनाव : मोहनिया मतलब एनडीए का गढ़, इस बार के जानें सियासी समीकरण

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार की कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कभी जदयू का दबदबा रहा, लेकिन आज के दौर में जदयू की जगह भाजपा के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इसमें मोहनिया विधानसभा सीट का नाम भी शामिल है।
बिहार की इस चर्चित सीट पर 2005 और 2010 के विधानसभा चुनावों में जदयू के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। लेकिन, 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर उम्मीदवार उतारा। यह वह दौर था, जब एनडीए से नाता तोड़कर नीतीश कुमार राजद के साथ चुनाव में गए थे। बावजूद इसके, इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार ने कमल खिलाने में सफलता हासिल की।
हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर उलटफेर देखने को मिला। इस सीट पर एनडीए की ओर से भाजपा के उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया, लेकिन राजद की उम्मीदवार ने जीत हासिल की।
इस बार इस सीट पर नजर इसलिए भी है, क्योंकि राजद ने जिसे उम्मीदवार बनाया था, उसका नामांकन रद्द हो गया। अब राजद निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दे रही है। राजद ने श्वेता सुमन को टिकट दिया था, लेकिन उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। वहीं, भाजपा ने संगीता कुमारी को टिकट दिया है। श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होने के बाद राजद ने निर्दलीय उम्मीदवार रवि पासवान को समर्थन देने का फैसला किया है।
2020 में राजद की संगीता कुमारी ने भाजपा के उम्मीदवार को हराकर सीट छीन ली। अब वही संगीता कुमारी भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।
इस विधानसभा में कुल जनसंख्या, 4,68,066 है, जिसमें पुरुष, 2,39,864 और महिला 2,28,202 हैं। कुल मतदाता, 2,81,498 हैं, जिनमें पुरुष 1,45,865, महिला 1,35,628 और थर्ड जेंडर 5 हैं।
इस विधानसभा में टूटी सड़कों से जनता परेशान है। स्थानीय लोगों का दावा है कि कई बार शिकायत के बावजूद भी उनकी सुध नहीं ली गई। इसके अलावा यहां पर बिजली की आपूर्ति घंटों बाधित रहती है। बाढ़ से काफी परेशानी हो रही है। सरकारी स्कूलों की हालत खराब है। स्थानीय लोगों के अनुसार, वे ऐसी सरकार और ऐसा प्रतिनिधि चाहते हैं, जो यहां की समस्याओं को दूर करें।
–आईएएनएस
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