अयोध्या में श्री रामलला के भव्य मंदिर में रामनवमी के पर्व पर 15 अप्रैल से 18 अप्रैल तक भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना के चलते सभी वीआईपी पास रद्द कर दिये गये हैं। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के एक सदस्य ने यह जानकारी दी। रामनवमी 17 अप्रैल को मनाई जाएगी। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली बार रामनवमी है, जिसमें भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। ऐसे में आसान दर्शन सुनिश्चित करने के लिए ट्रस्ट द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस वर्ष 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।
15 अप्रैल से 18 अप्रैल तक नहीं होंगे वीआईपी और वीवीआईपी के दर्शन
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि 15 अप्रैल से 18 अप्रैल तक वीआईपी और वीवीआईपी के दर्शन नहीं होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि सभी प्रकार के विशेष पास/दर्शन-आरती आदि की बुकिंग पहले ही रद्द कर दी गई है। उनके अनुसार सभी को एक ही रास्ते से जाना होगा। राय ने कहा कि दर्शन का समय बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है, जो मंगला आरती से रात 11 बजे तक जारी रहेगा। उनका कहना था कि चारों समय भोग लगाने के दौरान सिर्फ पांच मिनट के लिए पर्दा बंद रहेगा।
राम जन्मोत्सव का प्रसारण करीब 100 बड़ी एलईडी स्क्रीन के जरिए किया जाएगा: चंपत राय
बताया जा रहा है कि उन्होंने प्रोटोकॉल के साथ आने वाले विशिष्ट महानुभावों से अनुरोध किया कि वे 19 अप्रैल के बाद ही दर्शन के लिए आएं। उनके अनुसार साथ ही रामनवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में सुबह साढ़े 3 बजे से ही भक्तों को लाइन में लगने की व्यवस्था की जाएगी। राय ने यह भी कहा कि राम जन्मोत्सव का प्रसारण करीब 100 बड़ी एलईडी स्क्रीन के जरिए किया जाएगा। उनका कहना था कि परेशानी और समय की बर्बादी से बचने के लिए आगंतुकों को अपने मोबाइल फोन आदि नहीं लाने चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि दर्शन मार्ग पर यात्री सुविधा केंद्र में रेलवे आरक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा।