कांग्रेस की रैली से पहले नीरज कुमार का सवाल, उनकी सरकार में क्या एसआईआर नियम संगत था?


पटना, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस 14 दिसंबर को दिल्ली में ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ नाम से रैली करने की तैयारी में है। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सवाल किया कि कांग्रेस सत्ता में थी, तब एसआईआर की प्रक्रिया पर कोई सवाल क्यों नहीं उठाया गया।

नीरज कुमार ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि दिल्ली में आपको एसआईआर के मुद्दे पर रामलीला मैदान में रैली करने का अधिकार है, लेकिन बात यह है कि पहले गुनाहनामा का पत्र जारी कर दीजिए। जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी,उस समय एसआईआर क्या नियम संगत था? सब कुछ नियमों के अनुसार किया गया था?

नीरज कुमार ने कहा कि एसआईआर को मुद्दा बनाने के बाद बिहार की जनता का जनादेश नहीं मिला। इसके लिए शोक का एक कबूलनामा जारी कर दीजिए।

जेडीयू प्रवक्ता ने आगे कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया समय-समय पर होती रही है। उन्होंने याद दिलाया कि एक समय लालू प्रसाद यादव ने भी घुसपैठियों को राशन कार्ड दिए जाने की आशंका पर सतर्कता बरतने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेश, नेपाल या म्यांमार से आए कोई व्यक्ति घुसपैठ कर भारतीय नागरिक बनने की कोशिश करता है, तो यह देशहित के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां कोई भी आए और अधिकार मांगने लगे। सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर देशहित में निर्णय लेना चाहिए।

बिहार में हाल ही में हुए पुलिस एनकाउंटर पर भी नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल है तो पुलिस कार्रवाई करेगी ही। इस प्रक्रिया में न तो राजनीतिक दबाव चलेगा, न बाहरी प्रभाव। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि कोई अपराधी को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर हमला करेगा, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस, जिसमें महिला अधिकारी भी शामिल हैं, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाने में सक्षम है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की विदेश यात्रा को लेकर भी नीरज कुमार ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि संसद सत्र जारी है, सैलरी मिल रही है और ऐसे समय में राहुल गांधी की विदेश जाने की तैयारी गैर जिम्मेदाराना है।

उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके बारे में चर्चा है कि वह किसी यूरोपीय देश में हैं, लेकिन यह भी ठीक से पता नहीं कि वे किस देश में हैं। नीरज कुमार ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि संभवतः दोनों नेता किसी एक जगह इकट्ठे हुए हों और वहां बैठकर अपनी राजनीतिक परिस्थिति पर रो रहे हों। उनके आंसू शायद उस कठिन दौर की कहानी बताते हैं, जिसका सामना विपक्ष इन दिनों कर रहा है।

–आईएएनएस

एएसएच/वीसी


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