बरेली: नाथ कॉरिडोर को झटका, नहीं मिली रेलवे की एनओसी

बरेली: नाथ कॉरिडोर को झटका, नहीं मिली रेलवे की एनओसी

बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की नाथ कॉरिडोर परियोजना को तगड़ा झटका लगा है। श्रीतपेश्वरनाथ मंदिर तक जाने के लिए रेलवे की सड़क को चुन लिया गया। एक महीने पहले काम शुरू हुआ तो रेलवे अधिकारियों ने उसको रुकवा दिया था। पीडब्ल्यूडी ने मुरादाबाद डीआरएम को पत्र भेजकर काम कराने के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) मांगी थी। डीआरएम ने एनओसी देने से साफ इन्कार कर दिया है। अब इसके लिए दिल्ली मुख्यालय की दौड़ लगानी होगी।

नाथ कॉरिडोर के तहत 24.62 करोड़ रुपये से सातों नाथ मंदिरों (अलखनाथ, त्रिवटीनाथ, वनखंडीनाथ, पशुपतिनाथ, धोपेश्वरनाथ, तपेश्वरनाथ, मढ़ीनाथ) की आठ सड़कों का चौड़ीकरण व सुंदरीकरण किया जाना है। इसमें श्रीधोपेश्वरनाथ मंदिर व श्रीतपेश्वरनाथ मंदिर को जोड़ने वाली सड़क के चयन में अधिकारी धोखा खा गए। इसके लिए सुभाषनगर पुलिया के पास से रेलवे स्कूल की तरफ जाने वाली सड़क का चयन किया गया।

रेलवे ने वसूला था जुर्माना
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें बताया गया था कि सड़क नगर निगम की है। सुभाष नगर पुलिया से श्रीतपेश्वरनाथ मंदिर तक 1.29 किमी सड़क के लिए 5.92 करोड़ रुपये का बजट अलग से स्वीकृत किया गया है। टेंडर के बाद कार्यदायी संस्था ने मार्च में काम शुरू किया तो पहले ही दिन खोदाई के दौरान रेलवे का केबल कट गया। इस पर रेलवे के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर न सिर्फ काम रुकवा दिया, बल्कि जुर्माना भी वसूल किया था।

इसके बाद मुरादाबाद डीआरएम को पत्र लिखकर काम कराने की अनुमति मांगी गई। काफी दिनों तक जवाब नहीं आया तो पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी मुरादाबाद जाकर डीआरएम राजकुमार सिंह से मिले। तब डीआरएम ने कहा कि वह अनुमति नहीं दे सकते। इसके लिए दिल्ली मुख्यालय से ही अनुमति मिलेगी। अधिकारियों का मानना है दिल्ली से अनुमति मिलना इतना आसान नहीं। चुनाव के बाद अब इसमें शासन स्तर से पैरवी करानी पड़ेगी। तब तक काम अटका रहेगा।

सुभाषनगर पुलिया पर डाल दिए पत्थर
कार्यदायी संस्था ने सुभाषनगर पुलिया की सड़क पर मार्च में पत्थर डाल दिए थे। तभी उसका काम रुक गया। इसके बाद से अब तक वहां पत्थरों का ढेर लगा है। इससे आधी सड़क भी घिरी हुई है। आवागमन में भी लोगों को परेशानी हो रही है। कार्यदायी संस्था को भी समझ नहीं आ रहा कि अनुमति कब मिलेगी?

इन सड़कों का होना है निर्माण

  • मढ़ीनाथ मंदिर से मढ़ीनाथ क्रॉसिंग होते हुए सिटी श्मशान भूमि तक।
  • बदायूं रोड स्थित 84 घंटा मंदिर से मढ़ीनाथ मंदिर तक।
  • किला क्रॉसिंग से अलखनाथ मंदिर होते हुए चौधरी तालाब तक।
  • कुदेशिया क्रॉसिंग से हार्टमैन पुल तक।
  • हार्टमैन पुल से रामलीला मैदान तक।
  • कुदेशिया क्रॉसिंग वाया नैनीताल रोड, त्रिवटीनाथ मंदिर से धर्मकांटा चौराहे तक।
  • धर्मकांटा चौराहे से डेलापीर तक।
  • सौ फुटा रोड से पीलीभीत बाइपास तक।

पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता नारायण सिंह ने बताया कि काम शुरू करने से पहले बताया गया था कि सड़क नगर निगम की है। बाद में पता चला कि सड़क रेलवे की है। डीआरएम मुरादाबाद को पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई थी। पिछले दिनों एक इंजीनियर को डीआरएम के पास भेजा गया था। तब उन्होंने कह दिया कि अनुमति यहां से नहीं, दिल्ली से मिलेगी।

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