बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पिछले तीन राष्ट्रीय चुनावों में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए पैनल गठित किया


ढाका, 27 जून (आईएएनएस)। बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने एक पांच सदस्यीय समिति बनाई है। यह समिति 2014, 2018 और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में हुई कथित गड़बड़ियों, भ्रष्टाचार और प्रशासन की मिलीभगत की जांच करेगी। यह कदम अवामी लीग के खिलाफ बढ़ती राजनीतिक कार्रवाई और चुनाव में पारदर्शिता की बढ़ती मांग के बीच उठाया गया है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, गुरुवार रात कैबिनेट डिवीजन ने एक सरकारी नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें कहा गया कि समिति भविष्य में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सुझाव भी देगी।

अधिसूचना में कहा गया है कि 2014, 2018 और 2024 के तीनों आम चुनावों की देश और विदेश दोनों जगह काफी आलोचना हुई है। आरोप है कि सत्तारूढ़ अवामी लीग की जीत सुनिश्चित करने के लिए जानबूझकर कुछ लोगों को वोट डालने से रोका गया और चुनाव में धोखाधड़ी की गई।

राजपत्र में कहा गया है, “भविष्य में लोगों के वोट देने के अधिकार को बचाने, देश में लोकतंत्र को मजबूत करने और तानाशाही के खतरे को रोकने के लिए अंतरिम सरकार ने इन चुनावों में हुई भ्रष्टाचार, गड़बड़ी और अपराध की जांच करने का फैसला किया है।”

मुख्य सलाहकार यूनुस ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि 2014, 2018 और 2024 के चुनाव कराने वालों पर “बांग्लादेश के संविधान की व्यवस्था का उल्लंघन करने का साफ़ आरोप है, जो चुने हुए प्रतिनिधियों के जरिए सरकार चलाने का आदेश देता है।”

यूनुस ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “इस मामले में वर्तमान सरकार ने फैसला किया है कि भविष्य में लोगों के वोट देने के अधिकार को सुरक्षित रखा जाए, देश में लोकतंत्र को मजबूत किया जाए और तानाशाही और सत्तावाद के खतरे से बचा जाए। इसलिए, इन चुनावों में हुई भ्रष्टाचार, गड़बड़ी और आपराधिक मामलों की जांच की जाएगी। इसी उद्देश्य से बांग्लादेश सरकार ने पिछले तीन राष्ट्रीय संसदीय चुनावों से जुड़े आरोपों की जांच करने और भविष्य में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सुझाव देने के लिए एक समिति बनाई है।”

रिपोर्टों से पता चलता है कि समिति का नेतृत्व उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शमीम हसनैन करेंगे।

अन्य सदस्यों में पूर्व अतिरिक्त सचिव शमीम अल मामुन, ढाका विश्वविद्यालय के कानून विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर काजी महफुजुल हक सुपान, वकील तजरियान अकरम हुसैन और चुनाव विशेषज्ञ एमडी अब्दुल अलीम शामिल हैं।

बांग्लादेशी दैनिक प्रथम आलो की रिपोर्ट के अनुसार, समिति का काम था कि वह तत्कालीन चुनाव आयोग, उसके सचिवालय, प्रशासन, कानून लागू करने वाली एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों की भूमिका की जांच करे। इसके अलावा, समिति आवश्यक बदलावों और सुधारों के बारे में सुझाव भी देगी और भविष्य में सभी चुनावों को निष्पक्ष बनाने के लिए कानून, नियम, चुनाव आयोग और प्रशासन की व्यवस्थाओं की योजना बनाएगी।

–आईएएनएस

एसएचके/जीकेटी


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