बांग्लादेशी यूनुस शासन से चाहते हैं आजादी, आम लोगों की हालत खराब : रिपोर्ट


ढाका, 1 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अधिकांश जनता उस अराजकता से आजादी चाहते है जिसने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बनने के बाद देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। शनिवार को एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि देश ‘अवैध शासन’ से छुटकारा चाहता है।

इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना हाल ही में कई पश्चिमी मीडिया आउटलेट्स को दिए गए इंटरव्यू से यूनुस सरकार साफ तौर पर हिल गई है।

बांग्लादेशी पत्रकार, इतिहासकार और राजनीतिक विश्लेषक सैयद बदरुल अहसान ने नॉर्थईस्ट न्यूज में लिखा, “यह ऐसे समय में हो रहा है जब गैर-संवैधानिक सरकार पूर्व प्रधानमंत्री पर एक पक्षपाती और असल में बेकार अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के जरिए उन पर कथित तौर पर किए गए अपराधों के लिए फैसला सुनाने और शायद उन्हें मौत की सजा देने की योजना बना रही है। ये इंटरव्यू इस बात का एक संकेत हैं कि शेख हसीना देश की राजनीति में अभी भी क्यों प्रासंगिक हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “दरअसल, ये इंटरव्यू, जिनके टेक्स्ट सरकार के निर्देशों के कारण बांग्लादेश में मीडिया में प्रकाशित नहीं किए जाएंगे, एक सरल लेकिन जरूरी नतीजे की ओर इशारा करते हैं: अवामी लीग की भागीदारी के बिना सरकार द्वारा चुनाव करने का कोई भी कदम पूरी कवायद को खोखला कर देगा।”

रिपोर्ट के अनुसार, पारंपरिक रूप से लगभग 40-45 प्रतिशत मतदाता अवामी लीग की नीतियों का समर्थन करते हैं, ऐसे में उनके द्वारा चुनाव का बड़े पैमाने पर बहिष्कार ज्यादा से ज्यादा बेकार और कम से कम एक दिखावा साबित होगा। ये गहरी अस्थिरता को ही बढ़ावा देगा।

इसमें कहा गया है कि “शेख हसीना की टिप्पणियों में कुछ दिन पहले जातीय पार्टी (जेपी) के चेयरमैन जी एम कादर ने कहा था कि अवामी लीग और जेपी के बिना कोई चुनाव नहीं हो सकता। ये बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की बयार का संकेत हैं और फिर वे जुलूस भी हैं जो अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के अनुयायी ढाका और अन्य जगहों पर निकाल रहे हैं।”

रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है, नागरिक दुकानों और स्थानीय बाजारों में जरूरी चीजों की बढ़ती कीमतों से जूझ रहे हैं, जबकि रोजगार के अवसर लगातार कम हो रहे हैं।

इसमें विस्तार से बताया गया, “पिछले 15 महीनों में हजारों गारमेंट वर्कर्स ने अपनी नौकरियां खो दी हैं। शिक्षा का स्तर तेजी से गिरा है। विदेशी निवेश, जो यूनुस सरकार का मंत्र रहा है, वह साकार नहीं हुआ है। ज्यादातर देश बांग्लादेशियों को वीजा देने से इनकार कर रहे हैं।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनुस सरकार के अधिकारी ऐसे मुद्दों पर अलग-अलग आवाज में बात कर रहे हैं जिनके बारे में उन्हें बहुत कम या बिल्कुल भी समझ नहीं है। उन्होंने कहा, “इसके अलावा, इन अधिकारियों को ऐसे विषयों पर राय देते हुए देखा गया है जो साफ तौर पर उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। उनमें से कुछ ने सोशल मीडिया पर निचले स्तर के हमले किए। यूनुस सरकार की आलोचना करने वालों को बदनाम करने के लिए अश्लीलता को हथियार बनाया गया है।”

–आईएएनएस

केआर/


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