बांग्लादेश: कपड़ा उद्योग से जुड़े कर्मी सड़क पर उतरे, वेतन भुगतान को लेकर हाईवे किया जाम


ढाका, 12 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश के गाजीपुर जिले में मंगलवार सुबह सैकड़ों रेडीमेड गारमेंट (आरएमजी) कर्मियों ने फैक्ट्रियों के दोबारा खोलने और बकाया वेतन के तत्काल भुगतान की मांग को लेकर ढाका–मेमेंसिंह हाईवे जाम कर दिया।

रोवा फैशन्स लिमिटेड के करीब 200 कर्मचारी बसन थाने के अंतर्गत भोबरा बाईपास फ्लाईओवर के पास इकट्ठा हुए और सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया, जिससे हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया और भारी जाम लग गया।

गाजीपुर औद्योगिक पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वाहिदुज्जमान राजू ने जाम की पुष्टि करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पुलिस के अनुसार, इस विरोध के कारण ढाका के चौधुरीबाड़ी इलाके में कई अन्य फैक्ट्रियों को भी बंद करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने जुलाई महीने का बकाया वेतन चुकाने और फैक्ट्री के स्थानांतरण के फैसले का विरोध करने की मांग रखी।

फैक्ट्री मालिक इनायत करीम ने श्रम कानून की धारा 13(1) का हवाला देते हुए अशांति और वित्तीय संकट के कारण इकाई बंद करने का नोटिस जारी किया। उन्होंने कहा, “मैं जमीन बेचकर भुगतान करने की कोशिश कर रहा हूं। बिक्री पूरी होते ही बकाया चुकता कर दूंगा, मुझे कुछ दिन का समय चाहिए।”

इसी बीच, सोमवार शाम को ढाका के विजयनगर स्थित श्रम भवन में दो गारमेंट फैक्ट्रियों के सैकड़ों कर्मियों ने अधिकारियों को बकाया वेतन और देय राशि की मांग को लेकर घंटों बंधक बनाए रखा।

बांग्लादेश गारमेंट्स एंड इंडस्ट्रियल वर्कर्स फेडरेशन (गाजीपुर महानगर इकाई) के अध्यक्ष शफिउल आलम ने कहा, “फैक्ट्री मालिक बार-बार वादा करने के बावजूद भुगतान नहीं कर रहे हैं। सरकार ने भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”

इससे पहले रविवार को भी ढाका में एक निजी कंपनी के कर्मियों ने बकाया वेतन और अन्य लाभों की मांग को लेकर ढाका-मेमेंसिंह हाईवे पर जाम लगा दिया था। यह निजी कंपनी संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश के बीच संयुक्त उद्यम है।

अगस्त 2024 में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद से ही देश में वेतन बकाया, फैक्ट्री बंदी और बिगड़ते कार्य-परिस्थितियों को लेकर लगातार हड़तालें और प्रदर्शन हो रहे हैं। कई रिपोर्टों में खुलासा हुआ है कि इन प्रदर्शनों के चलते कई फैक्ट्रियां बंद हो गईं, जबकि कई कर्मियों की मौत हो गई या वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

–आईएएनएस

डीएससी/


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