बांग्लादेश चुनाव आयोग ने शापला चुनाव चिह्न की एनसीपी की मांग खारिज की

ढाका, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश के चुनाव आयोग (ईसी) ने सोमवार को नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) को शापला (वाटर लिली) चिह्न आवंटित करने से इनकार कर दिया। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार चुनाव नियमों के तहत चिह्नों की आधिकारिक सूची में इसका नाम न होने का हवाला देते हुए यह कदम उठाया गया है।
यह ताजा घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब एनसीपी लगातार शापला को अपना चुनाव चिह्न बनाने की मांग कर रही है। पार्टी ने हाल ही में धमकी दी थी कि अगर चुनाव आयोग इस मांग को पूरा नहीं करता है तो वह इसका पंजीकरण रद्द कर देगी।
बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र, द बिजनेस स्टैंडर्ड ने ढाका में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चुनाव आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद के हवाले से कहा कि एनसीपी को शापला चुनाव चिह्न नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह नियमों में सूचीबद्ध नहीं है। चुनाव आयोग जल्द ही एक सार्वजनिक अधिसूचना जारी करेगा और अपने विवेक से कोई अन्य चिह्न आवंटित करेगा। इस मामले में चुनाव आयोग का रुख अपरिवर्तित रहेगा।
इस बीच, एनसीपी (उत्तर) के मुख्य संयोजक सरजिस आलम ने चेतावनी दी कि अगर शापला चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किया गया तो पार्टी सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने आगे कहा कि अगर पार्टी को चुनाव चिह्न देने से इनकार किया गया तो पार्टी इस ‘मनमाने’ चुनाव आयोग के पुनर्गठन के लिए भी अभियान चलाएगी।
पिछले हफ्ते शापला चिह्न की मांग दोहराते हुए दक्षिणी क्षेत्र के लिए एनसीपी के मुख्य संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि उसका व्यवहार मध्ययुगीन युग के राजाओं और सम्राटों जैसा है। उन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की चुनाव आयोग की क्षमता पर भी संदेह व्यक्त किया।
एनसीपी नेता ने कहा कि इस चुनाव आयोग में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने की क्षमता का अभाव है। यह एक ‘रीढ़विहीन आयोग’ है, जो विभिन्न तबकों से प्रभावित है। जिन लोगों ने उन्हें नियुक्त किया है, वे अपने स्वार्थ के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस महीने की शुरुआत में, एनसीपी ने चेतावनी दी थी कि यदि उसे शापला का चुनाव चिह्न नहीं दिया गया तो अगले वर्ष होने वाले चुनावों पर इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
–आईएएनएस
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