बलूचिस्तान में सुरक्षा खतरे को लेकर सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध

बलूचिस्तान में सुरक्षा खतरे को लेकर सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध

क्वेटा, 4 फरवरी (आईएएनएस)। बलूचिस्तान में प्रांतीय सरकार ने सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए रविवार को सार्वजनिक और चुनावी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान के सूचना मंत्री जान अचकजई ने प्रतिबंध की घोषणा करने के लिए एक्स प्लेटफॉर्म का सहारा लिया। उन्होंने पोस्ट किया, ”यह कदम क्वेटा में एक संदिग्ध महिला आत्मघाती हमलावर की मौजूदगी के संकेत वाले आतंकी अलर्ट के जवाब में उठाया गया है।”

मंत्री ने सार्वजनिक समारोहों और चुनावी बैठकों पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से अपनी बैठकें सार्वजिनक स्थानों के बजाए इनडोर स्थानों पर करने की अपील की है।

बलूचिस्तान सरकार ने चुनावी अभियान के महत्व को पहचानते हुए सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया है।

पाकिस्तान में 8 फरवीर को मतदान होने जा रहा है। ऐसे में बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतों में आतंकवादी कृत्यों के कारण हिंसा में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को भी धमकियां दी गई हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियां क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की कठिन चुनौती से जूझ रही हैं।

बलूचिस्तान में गुरुवार को तीन अलग-अलग हमलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और पांच अन्य घायल हो गए थे।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा की पहली घटना में क्वेटा के सब्ज़ल रोड पर हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की जान चली गई और एक अन्य घायल हो गया।

पुलिस के अनुसार, अज्ञात बदमाशों ने सड़क के किनारे एक विस्फोटक उपकरण लगाया था, जिसके कारण एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ। इसमें एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गई।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच प्रांत में हिंसा की दो अलग-अलग घटनाओं में, जाफराबाद और तुरबत शहरों में हथगोले के हमलों में चार लोग घायल हो गए।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

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