बलबीर सिंह खुल्लर की दास्तां, जिन्होंने भारत को ओलंपिक में जिताया मेडल

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। बलबीर सिंह खुल्लर एक प्रसिद्ध भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे, जिन्होंने 1966 एशियाई खेलों में स्वर्ण और 1968 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। पंजाब पुलिस में डीआईजी पद तक तैनात रह चुके बलबीर सिंह को हॉकी में उनके योगदान के लिए अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
बलबीर सिंह खुल्लर का जन्म 8 अगस्त 1942 को जालंधर जिले के प्रसिद्ध ‘हॉकी गांव’ संसारपुर में हुआ था। बचपन से ही उन्हें इस खेल का शौक था। हॉकी स्टिक के साथ उनका कौशल उम्र में बड़े खिलाड़ियों को भी हैरान कर देता।
बलबीर सिंह खुल्लर ने उस समय देश का प्रतिनिधित्व किया, जब भारतीय हॉकी अपने स्वर्णिम दौर में थी।
बलबीर सिंह खुल्लर ने साल 1963 में अपना पहला बड़ा टूर्नामेंट फ्रांस के ल्योन में खेला। टीम में एक ही नाम के खिलाड़ियों के चलते उन्हें ‘बलबीर सिंह पंजाब’ के नाम से पुकारा जाता था।
बलबीर सिंह ने भारतीय टीम में एक इनसाइड फॉरवर्ड के रूप में ख्याति प्राप्त की। उन्होंने बेल्जियम, इंग्लैंड, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और पश्चिम जर्मनी जैसे कई देशों का दौरा किया।
साल 1966 में बलबीर सिंह खुल्लर एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। इस टीम ने पाकिस्तान को 1-0 से मात दी थी। ऐसा पहली बार था, जब भारतीय टीम ने लगातार दूसरी बार बड़े टूर्नामेंट में पाकिस्तान को शिकस्त दी थी।
बलबीर सिंह ओलंपिक गेम्स 1968 में खेल चुके हैं, जिसमें भारत पूल स्टेज पर सात में से छह मैच जीतकर शीर्ष पर रहा। सेमीफाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। इस टीम ने वेस्ट जर्मनी को शिकस्त देकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
खुल्लर राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ता भी रहे। वह पंजाब पुलिस में उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के पद से सेवानिवृत्त हुए। बलबीर सिंह खुल्लर को हॉकी में योगदान के लिए साल 1999 में ‘अर्जुन अवॉर्ड’ और साल 2009 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया।
28 फरवरी 2020 को दिल का दौरा पड़ने से बलबीर सिंह का निधन हो गया।
–आईएएनएस
आरएसजी