पेंच टाइगर रिजर्व में 'बाघदेव' अभियान की शुरुआत, मिट्टी के बाघ बनाए जाएंगे


भोपाल 23 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में स्थित पेंच टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा ऐसा है, जहां बाघ को देवता के तौर पर पूजा जाता है। इस इलाके में वन विभाग ‘बाघ देवता अभियान’ शुरू कर रहा है और इसके लिए यहां मिट्टी के बाघ बनाए जाएंगे।

सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस से विश्व बाघ दिवस तक की अवधि के लिए एक नया अभियान “बाघदेव’’ प्रारंभ किया गया है। “बाघदेव’’ को आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में देवता के रूप में पूजा जाता है और उनसे मन्नतें मांगी जाती हैं। यह परंपरा इस इलाके में आज भी प्रचलित है।

पेंच टाइगर रिजर्व के उप संचालक रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि “बाघदेव’’ अभियान में बफर क्षेत्र की सभी 130 ईको विकास समितियों में मिट्टी के बाघ बनाए जाएंगे। ईको विकास समितियों के सदस्य एवं ग्राम पंचधार के मिट्टी के बर्तन और खिलौने बनाने वाले विशेषज्ञ कुम्हार भी सहायता करेंगे। पेंच प्रबंधन द्वारा समिति सदस्यों को पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। ग्रामीणजन मिट्टी के बाघ बनाकर उससे प्रकृति के इन तत्वों को वरदान के रूप में लेते हैं।

बताया गया है कि मिट्टी के बाघों को पार्क प्रबंधन इकट्ठा करके भट्टी में पकाया जाता है, जिन्हें खबासा में निर्माणाधीन स्टील स्क्रेप से बन रही बाघ कलाकृति के पास स्थापित कर नए आस्था स्थल में संजोया जाएगा।

पेंच प्रबंधन का प्रयास है कि इस वर्ष टेराकोटा (मिट्टी) की कलाकृति बनाई जाए। इस अभियान में ईको विकास समितियों के साथ पर्यटक एवं अन्य बफर क्षेत्र के बाहर के रहवासी भी जुड़ सकते हैं और अपने हाथ से बाघ बनाकर उसमें अपना नाम लिखकर “बाघदेव’’ से मनोकामना मांग सकेंगे, इससे बाघ संरक्षण में समुदायों के भावनात्मक जुड़ाव के साथ ही पंचधार के मूर्तिकारों के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।

–आईएएनएस

एसएनपी/डीएससी


Show More
Back to top button