एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट के पहले दिन खराब मौसम बढ़ा सकता है दोनों टीमों की परेशानी

एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट के पहले दिन खराब मौसम बढ़ा सकता है दोनों टीमों की परेशानी

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में पिंक बॉल से टेस्ट मैच खेला जाना है। 6 दिसंबर से शुरू होने वाले दूसरे बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट से पहले एडिलेड में धूप खिली हुई है। हालांकि, पिच क्यूरेटर डेमियन हॉफ का कहना है कि पहले दिन आंधी-तूफान के कारण खेल में खलल पड़ सकता है, जबकि दूसरे दिन से मौसम साफ रहने की उम्मीद है।

एडिलेड की प‍िच को लेकर क्यूरेटर ने पुष्टि की है कि वे विकेट को बैलेंस बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में प‍िच का म‍िजाज कैसा होगा, यह बात देखने लायक होगी।

एडिलेड ओवल में 22 गज की पट्टी पर छह मिलीमीटर घास छोड़ी गई है, जो गुलाबी कूकाबुरा गेंद की स्थिति को बनाए रखने के लिए डे नाइट के टेस्ट में एक मानक अभ्यास है। ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में अपने सभी सात गुलाबी गेंद वाले टेस्ट जीते हैं, जबकि भारत मार्च 2022 के बाद पहली बार डे-नाइट टेस्ट खेल रहा है।

हॉफ ने बुधवार को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित एक वर्चुअल इंटरेक्शन में आईएएनएस से कहा, “अभी, पहली गेंद से दो दिन पहले, ऐसा लग रहा है कि शुक्रवार को बारिश हो सकती है। पिछले कुछ हफ्तों में हमारे यहां कुछ बेमौसम बारिश हुई है। साथ ही आंधी- तूफान आने की भी आशंका है। ऐसा लग रहा है कि वे शुक्रवार के आसपास होंगे, इसलिए मुझे नहीं पता कि यह सुबह होगा या दोपहर में। मैं इस पर तब विचार करूंगा जब हमें लगभग तीन घंटे में पूर्वानुमान मिल जाएगा, और मुझे बेहतर समझ होगी कि यह कैसा दिखता है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह थोड़ा हिट और मिस है, क्योंकि अभी दो अलग-अलग मॉडल हैं। एक के मुताबिक यह जल्दी आएगा और खेल के दौरान उतना बुरा नहीं होगा। दूसरा यह है कि यह दोपहर के दौरान अधिक हो सकता है। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे, क्योंकि ऐसा लग रहा है कि शनिवार की सुबह मौसम साफ हो जाएगा। पहले दिन, हम कुछ ओवर खो सकते हैं, लेकिन दूसरे दिन से ऐसा लग रहा है कि मौसम अच्छा होने वाला है।”

पिंक बॉल के टेस्ट क्रिकेट का इतिहास बताता है कि गोधूलि के समय यहां बल्लेबाजों के सामने सबसे ज्यादा चुनौती आती है। गोधूलि का वह समय है जब पूरी तरह अंधेरे से पहले दिन की तेजी से ढलती रोशनी में कृत्रिम रोशनी के बीच बल्लेबाजों को गेंदबाजों का सामना करना चुनौतीपूर्ण लगता है।

–आईएएनएस

एएमजे/एएस

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