त्योहारी सीजन में ऑटो सेक्टर की खुदरा बिक्री में 32 प्रतिशत का उछाल दर्ज

त्योहारी सीजन में ऑटो सेक्टर की खुदरा बिक्री में 32 प्रतिशत का उछाल दर्ज

नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। त्योहारी सीजन में बड़ी छूट और उच्च ग्रामीण आय के कारण भारत के ऑटो सेक्टर की खुदरा बिक्री में तेजी दर्ज हुई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कारों, दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की कुल खुदरा बिक्री अक्टूबर में 32 प्रतिशत से बढ़कर 28.33 लाख यूनिट हो गई, जो पिछले साल इसी महीने में 21.44 यूनिट थी।

एफएडीए ने कहा, “इस साल अक्टूबर में दिखी वृद्धि दर मुख्य रूप से ग्रामीण बाजार में बढ़ी मांग का नतीजा है। इस ठोस वृद्धि का कारक दोपहिया और यात्री वाहनों की बिक्री में आई तेजी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि रबी फसलों के लिए बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का इन्हें लाभ मिला।”

स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) के साथ-साथ नए मॉडल लॉन्च और ऑफर के कारण महीने के दौरान कार की बिक्री 32.4 प्रतिशत बढ़कर 4,83 लाख इकाई हो गई।

आंकड़ों के अनुसार, इस महीने दोपहिया वाहनों की बिक्री 20.7 लाख यूनिट रही, जबकि अक्टूबर 2023 में यह 15.14 लाख यूनिट थी। जो कि बीते साल के मुकाबले 36.35 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

वहीं, तिपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 11.45 प्रतिशत बढ़कर अक्टूबर 2024 में 1.23 लाख यूनिट हो गई।

एफएडीए के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के दौरान ट्रैक्टर की बिक्री 3.08 प्रतिशत बढ़कर 64,433 यूनिट हो गई, जो एक साल पहले 62,542 यूनिट थी।

अक्टूबर में प्रमुख त्योहारों जैसे नवरात्रि और दिवाली के एक साथ आने से उपभोक्ता मांग में तेजी आई। आकर्षक त्योहारी ऑफर, नए मॉडल लॉन्च और बेहतर स्टॉक उपलब्धता के कारण दोपहिया वाहनों में सालाना आधार पर 36 प्रतिशत और मासिक आधार पर 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

इसके अलावा, ग्रामीण भावनाओं, अनुकूल मानसून और अच्छी फसल की उम्मीदों ने भी वृद्धि में योगदान दिया।

यात्री वाहनों की बिक्री में 32 प्रतिशत की वार्षिक और 75 प्रतिशत की मासिक वृद्धि त्योहारी मांग, आकर्षक ऑफर और नए मॉडल की शुरूआत के कारण हुई है।

एफएडीए को उम्मीद है कि ऑटो इंडस्ट्री में आने वाले कुछ समय में तेजी बनी रहेगी। खासकर शादियों के सीजन का सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकेगा।

हालांकि, डीलरों के संघ ने कहा कि इन्वेंट्री ओवरस्टॉक और आर्थिक प्रतिकूलता जैसी संभावित चुनौतियों से साल के अंत में बिक्री की गति प्रभावित हो सकती है।

–आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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