‘मेक इन इंडिया’ की सफलता को स्वीकार करने के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद: अश्विनी वैष्णव


नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की सफलता को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत एक मजबूत उत्पादक अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

कर्नाटक की एक विनिर्माण इकाई में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को उजागर करने वाले राहुल गांधी के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए वैष्णव ने कहा कि ये घटनाक्रम देश में एक मजबूत विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

राहुल गांधी की टिप्पणी साझा करते हुए वैष्णव ने एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की सफलता को स्वीकार करने के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद।

उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि आपने (राहुल गांधी ने) कहा है, हम अपने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को लागू करते हुए एक उत्पादक अर्थव्यवस्था बन रहे हैं।

अपने पोस्ट में राहुल गांधी ने महज आठ से नौ महीनों में लगभग 30,000 श्रमिकों की तीव्र भर्ती का जिक्र करते हुए इसे भारत में अब तक की सबसे तेज फैक्ट्री विस्तार प्रक्रिया बताया।

उन्होंने कहा कि यह विकास सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि सार्थक रोजगार सृजन की बात है, खासकर युवा महिलाओं के लिए।

राहुल गांधी ने कहा कि सिर्फ आठ-नौ महीनों में 30,000 कर्मचारियों की भर्ती भारत में अब तक की सबसे तेज फैक्ट्री विस्तार प्रक्रिया है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस इकाई में लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं, जिनमें से अधिकांश की आयु 19 से 24 वर्ष के बीच है, और उनमें से कई के लिए यह उनकी पहली नौकरी है।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। यह परिवर्तनकारी रोजगार सृजन है। इसे और भी प्रभावशाली बनाने वाली बात यह है कि इस इकाई का नेतृत्व मुख्य रूप से महिलाएं कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक एक ऐसा वातावरण बनाकर उदाहरण पेश कर रहा है, जहां विनिर्माण तेजी से और बड़े पैमाने पर विकसित हो सकता है।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि इस तरह की पहल से उस तरह के भारत का पता चलता है, जिसे बनाने की जरूरत है, जहां लोगों को सम्मान और समान अवसरों के साथ रोजगार मिले।

–आईएएनएस

एमएस/डीकेपी


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