अमेरिका में Apple Watch पर लगा बैन,जानिए इसके पीछे का कारण?

अमेरिका में Apple Watch पर लगा बैन,जानिए इसके पीछे का कारण?

Apple को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि अमेरिका में कंपनी की स्मार्टवॉच को बैन कर दिया गया है। यह बैन 2020 के बाद बेची गई ज्यादातर एपल वॉच पर लगा है। बताया जा रहा है कि यह बैन डिवाइस में मिलने ब्लड ऑक्सीजन फंक्शन के पेटेंट के कारण लगा है। आज हम इस मामले की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।

टॉप टेक्नोलॉजी कंपनियों में गिनी जाने वाली कंपनी Apple को एक बड़ा झटका लगा है। इसका कारण ये है कि यूएस में Apple की वॉच को बैन कर दिया है। इस लिस्ट में 2020 के बाद से बेची गई ज्यादातर वॉचेज शामिल है, जिसमें 6, 7, 8 और 9 सीरीज और अल्ट्रा के साथ-साथ अल्ट्रा 2 को भी शामिल किया गया हैं।

इसका कारण इस सभी वॉचेज के एक फीचर को बताया जा रहा है। बता दें कि ब्लड ऑक्सीजन फंक्शन के विवादित पेटेंट के कारण ये बैन लगाया जा रहा है। अमेरिका में इन सभी डिवाइस के इंपोर्ट पर प्रतिबंध लगा है, जो बीते मंगलवार से प्रभावी है।

क्या है इसका कारण

  • फैसला अक्टूबर में ही आ गया था कि Apple की उन वॉचेज की बिक्री बैन कर दी जाएगी, जिसमें इस ब्लड ऑक्सीजन लेवल मॉनिटरिंग के विवादित पेटेंट का इस्तेमाल किया गया है।
  • अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोग (ITC) ने इस तकनीक के कारण एपल वॉच पर बैन लगाया, जिसपर Apple ने इसका विरोध करते हुए इसे गलत बताया है।
  • इस सबके बावजूद भी पिछले हफ्ते अमेरिका में Apple Watch Series 9 और Apple Watch Ultra 2 की बिक्री रोक दी थी।
  • बता दें कि कंपनी इसके खिलाफ यूएस फेडरल कोर्ट में अपील दायर करेगी। ITC ने इस बैन के लिए 25 दिसंबर तक का टाइम दिया था।
  • इसके बाद Apple ऑनलाइन स्टोर पर 21 दिसंबर से और रिटेल स्टोर पर 24 दिसंबर से इनकी बिक्री बंद कर दी गई है।

क्यों लगा बैन?

  • यह फैसला तब आया जब ITC के पास शिकायत आई कि एपल ने चिकित्सा-निगरानी प्रौद्योगिकी कंपनी मैसिमो के पल्स ऑक्सीमेट्री पेटेंट का उल्लघंन किया है।
  • इस शिकायत के आधार पर एपल को अपनी वॉच के इंपोर्ट और सेल को बंज करने का आयात और बिक्री बंद करने का आदेश दिया था।
  • हालांकि फैसले के बाद राष्ट्रपति बिडेन के पास सार्वजनिक नीति संबंधी चिंताओं के आधार पर इस आदेश को वीटो करने के लिए 25 दिसंबर तक का यानी 60 दिन का समय था, मगर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया, जिस कारण एपल के इस डिवाइस को बैन कर दिया गया।

एपल पर क्या हैं आरोप?

  • मैसिमो ने एप्पल पर अपने कर्मचारियों को काम पर रखने और उसकी तकनीक चुराने का आरोप लगाया।
  • अदालत में मैसिमो के आरोपों पर एक जूरी ने मई में गलत सुनवाई के साथ मुकदमें को समाप्त कर दिया था।
  • बता दें कि  मैसिमो ने पिछले साल एक घड़ी पेश की थी, जो बल्ड ऑक्सीजन लेवल को मॉनिटर करने के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य पहलूओं को भी ट्रैक करती है।

अब क्या करेगी कंपनी?

  • बता दें कि मैसिमो के CEO जो कियानी विवाद को सुलझाने के पक्ष में है। इसके अलावा एपल वाशिंगटन में फेडरल सर्किट के अमेरिकी अपील न्यायालय में प्रतिबंध के खिलाफ अपील करेगा।
  • ITC ने 20 दिसंबर को एक अपील के दौरान प्रतिबंध को रोकने के लिए एपल की बोली को खारिज कर दिया।
  • इसके अलावा एपल इस समस्या को दूर करने के लिए सॉफ्टवेयर चेंज पर भी काम कर रहा है। हालांकि मैसिमो का कहना है कि उसके पेटेंट में हार्डवेयर शामिल है, इसलिए सॉफ्टवेयर चेंज से काम नहीं चलेगा।
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