एएनआरएफ-यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन ने भारत को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए किया समझौता : जितेंद्र सिंह
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नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) और यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के बीच साझेदारी से उभरती प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा और भारत वैश्विक पटल पर अग्रणी बन जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर शोध के लिए एएनआरएफ और एनएसएफ के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस एमओयू को संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने अपने पोस्ट में लिखा, “इससे दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और भारत वैश्विक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकेगा।”
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस समझौता ज्ञापन के साथ प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प दोनों ने “अमेरिकी और भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान समुदायों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने के महत्व को रेखांकित किया।”
इसमें कहा गया है कि यह साझेदारी अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन और कई भारतीय विज्ञान एजेंसियों के बीच चल रहे सहयोग पर आधारित है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “इससे सेमीकंडक्टर, कनेक्टेड वाहन, मशीन लर्निंग, अगली पीढ़ी के दूरसंचार, बुद्धिमान परिवहन प्रणाली और भविष्य के जैव विनिर्माण में संयुक्त अनुसंधान भी संभव होगा।”
एएनआरएफ की स्थापना अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन अधिनियम, 2023 के तहत जुलाई 2024 में की गई थी। इसका उद्देश्य अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को विकसित करना और बढ़ावा देना तथा भारत के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और आरएंडडी प्रयोगशालाओं में अनुसंधान तथा नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 2024 में एएनआरएफ गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिदृश्य और अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों को नया स्वरूप देने पर चर्चा पर केंद्रित रही थी।
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे