शेख हसीना को मिली मौत की सजा पर बोले अनिल गौड़, भारत को उठाने होंगे कठोर कदम


नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को “मानवता के खिलाफ अपराध” के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। इस पर रक्षा विशेषज्ञ सेवानिवृत्त कैप्टन अनिल गौड़ का कहना है कि जब शेख हसीना ने अमेरिका की बात मानने से इनकार कर दिया और बेस बनाने की अनुमति नहीं दी तो यह उम्मीद थी कि आज नहीं तो कल शेख हसीना का तख्तापलट होगा। इसके बाद वही हुआ, जिसकी उम्मीद थी।

सेवानिवृत्त कैप्टन अनिल गौड़ ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को जान बचाकर भागना पड़ा और भारत में पनाह लेनी पड़ी। इसके बाद अंतरिम प्रधानमंत्री किसे बनाया गया? उनकी कठपुतली मोहम्मद यूनुस को। मोहम्मद यूनुस के शासन में हिंदुओं के खिलाफ मुहिम चली, हिंदुओं की हत्या हुई और महिलाओं का बलात्कार किया गया। यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले लोगों को बाहर निकाला गया।

सेवानिवृत्त कैप्टन अनिल गौड़ ने कहा कि ढाका में मौजूद इस्कॉन मंदिर को भी नहीं छोड़ा गया। इस मंदिर ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को खाना खिलाया था। इसे भी तोड़ने और जलाने की कोशिश की गई। ऐसे में यही उम्मीद थी कि न्यायालय शेख हसीना को मौत की सजा देगा, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि शेख हसीना वापस लौटें और उनकी पार्टी चुनाव में उतरे व उसके बाद जीते। उनका कहना है कि आवामी लीग ऐसी पार्टी है, जिसने बांग्लादेश में विकास किया है। बांग्लादेश का निर्यात जो 0.2 प्रतिशत था, वह दस से बारह प्रतिशत के करीब पहुंच रहा था। अधिकतर लोगों को वहीं रोजगार मिल रहा था। आज की तारीख में यह सब तबाह हो गया है। लोगों के पास खाने को नहीं है, न ही उनके पास व्यवसाय है। बेस बनाने की जिद में अमेरिका ने शेख हसीना को देश से निकाला और अब उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है। शेख हसीना ने कहा है कि वे अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में जाएंगी और वहां पर मोहम्मद यूनुस और अंतरिम सरकार के खिलाफ केस दर्ज करेंगी।

सेवानिवृत्त कैप्टन अनिल गौड़ का कहना है कि भारत को अपने हित में और खुद को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने होंगे, क्योंकि अमेरिका और पाकिस्तान की आईएसआई वहां सक्रिय है। भारत को कठोर कदम उठाने होंगे और अपने बॉर्डर सील करने होंगे। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सेवानिवृत्त कैप्टन अनिल गौड़ का कहना है कि सरकार ने इस ऑपरेशन को सीमित रखने का निर्णय लिया था और उसी अनुसार किया भी। 7-8 मई को जो भी हुआ, उसमें आतंकी ठिकानों और आतंकियों को ही निशाना बनाया गया था। हालांकि 9 मई को जब सरकार को पता चला कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने की सोच रहा है तो भारत की तरफ से ब्रह्मोस मिसाइल के जरिए जिस तरह 11 एयरफोर्स बेस उड़ा दिए गए, उनका एयर डिफेंस सिस्टम भी नष्ट कर दिया गया। इससे आगे भी कार्रवाई हो सकती थी।

उन्होंने कहा कि सुबह दस बजे के आसपास उनके डीजीएमओ ने हाथ जोड़कर सीजफायर की मांग की, तो इस पर सहमति बनी। लेकिन प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि ऑपरेशन सिंदूर बंद नहीं हुआ है, केवल रुका हुआ है। अगर ऐसी कोई भी हरकत हुई, तो जवाबी कार्रवाई होगी। दिल्ली में हुए ब्लास्ट को लेकर उन्होंने कहा कि जिस तरह इसकी परतें खुल रही हैं, उससे सामने आ रहा है कि पाकिस्तान और आईएसआई किस तरह की साजिश रच रहे थे। इसका मतलब है कि अब पाकिस्तान की खैर नहीं।

–आईएएनएस

अविनाश/डीकेपी


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