एनटीए जैसी संस्था को बंद कर देनी चाहिए, एजेंसी पर भड़के बीएचयू के छात्र


वाराणसी, 20 जून (आईएएनएस)। यूजीसी नेट रद्द होने के बाद देशभर के छात्रों में आक्रोश है। छात्र अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं, जिन्हें अब अच्छी खबर मिली है।

18 जून को हुई यूजीसी नेट निरस्त होने के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच की बात कही है। केंद्र सरकार के फैसले का काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने स्वागत किया है। बीएचयू के शोध छात्र शुभम तिवारी ने कहा कि इस घटना में जो लोग शामिल हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

बीएचयू के ही छात्र प्रसून चतुर्वेदी ने कहा कि देश के 10 लाख छात्रों की भावनाओं के साथ खेला गया है। इसलिए, एनटीए जैसी संस्था को बंद कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।

देशभर में 18 जून को यूजीसी नेट आयोजित की गई थी। इस बार परीक्षा ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन मोड से कराई गई थी। परीक्षा के एक दिन बाद 19 जून को इसे निरस्त कर दिया गया था।

शिक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि परीक्षा प्रक्रिया की सर्वोच्च स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।

–आईएएनएस

पीएसके/एबीएम


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